आवाज ए हिमचाल
19 फ़रवरी। देश भर में कोरोना वायरस महामारी ने अब तक करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब कई देशों में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान शुरू हो गया है। भारत, अमरीका, चीन समेत कई देशों में तेजी से लोगों को टीका लगाने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इंडोनेशिया ने भी वैक्सीनेशन शुरू किया है, लेकिन वहां की सरकार वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने जा रही है। सरकार उन लोगों को सजा देने की तैयारी कर रही है, जोकि टीका लगवाने से मना करेंगे। बता दें कि इंडोनेशिया में अधिकतर ही सजा के तौर पर कोड़े मारकर अपराधी को दंडित करने का रिवाज रहा है। यहां दुष्कर्म, समलैंगिक संबंध बनाने और अन्य अपराधों के लिए अपराधी को कोड़े मारे जाते हैं।
हालांकि, किसी क्रू अपराध पर आरोपी को मौत की सजा भी दी जाती है। ऐसे में अब अगर लोग वैक्सीन लगवाने से इनकार करते हैं, तो उन्हें कोड़े मारने की सजा दी जा सकती है। हालांकि, अब देखना होगा कि सजा के डर से कितने लोग वैक्सीन लगवाते हैं। राष्ट्रपति के संशोधित नियम के अनुसार, सामाजिक सहायता कार्यक्रमों और प्रशासनिक सेवाओं को रोकने या देरी करते हुए टीका लगाने से इनकार करने वालों को सरकार दंडित कर सकती है। उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। स्थानीय सरकार को तय करना होगा कि किस तरीके का प्रतिबंध उस पर लगाया जाएगा। इंडोनेशिया में अब तक 17 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। अभियान की शुरुआत वहां के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने खुद वैक्सीन लगवा कर की थी। सरकार की योजना इस साल के अंत तक 18 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की है।
कुल मिलाकर 65 फीसदी लोग ही टीकाकरण के इच्छुक
भारत, अमरीका समेत ज्यादातर देशों में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, जिसका मन होगा, वह ही वैक्सीन लगवा सकेंगे, लेकिन इंडोनेशिया में वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में व्याप्त हिचकिचाहट के बीच यह एक असामान्य कदम माना जा रहा है। हाल ही में करवाए गए एक सर्वे के अनुसार, इंडोनेशिया में 65 फीसदी लोग वैक्सीन को लगवाना चाहते हैं, जबकि बचे हुए अन्य लोगों के अंदर हैल्थ, कीमत को लेकर चिंताएं हैं। इसके अलावा, हलाल वैक्सीन पर भी लोग चिंतित हैं। हालांकि, सरकार ने वैक्सीन को जनता के लिए मुफ्त कर दिया है।