आवाज ए हिमाचल
24 अप्रैल। देशभर में ऑक्सीजन संकट के बीच अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की हालत बदतर होती जा रही है। वक्त पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की वजह से दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती 25 कोरोना मरीजों ने 24 घंटे के भीतर दम तोड़ दिया। वहीं, 60 और मरीजों की जान जोखिम में है। वहीं मध्यप्रदेश के जबलपुर में पांच मरीजों की जान गई। दिल्ली के होली फैमिली, बत्रा अस्पताल और वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में कुछ ही घंटे की ऑक्सीजन शेष रह गई है। इनके अलावा रोहिणी स्थित धर्मवीर सोलंकी अस्पताल से मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। वहीं, निजी अस्पतालों ने भी नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। इस बीच, मध्य प्रदेश के जबलपुर में शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण आईसीयू में भर्ती पांच कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल को 10 ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति होनी थी, लेकिन वाहन खराब होने के चलते सिलिंडर वक्त पर नहीं पहुंच सके।
इस बीच, सरकार के सूत्रों ने बताया कि गंगाराम अस्पताल को पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया करा दी गई है। एक टैंकर अस्पताल पहुंच गया। वहीं, अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, टैंकर पहुंच गया, मगर यह उपभोग के आधार पर पांच घंटे के लिए ही है। इससे पहले अस्पताल में बृहस्पतिवार रात ऑक्सीजन बेहद कम मात्रा में बची थी। अस्पताल ने रात आठ बजे ही ऑक्सीजन खत्म होने और जल्द से जल्द आपूर्ति की मांग की थी, मगर रात एक बजे उनके पास केवल एक टन ही ऑक्सीजन पहुंची।
तब तक मरीजों को कम दबाव पर ऑक्सीजन देनी पड़ी, जिसके चलते 25 मरीजाें की सांसें थम गई। इनमें से तीन की मौत अस्पताल के आपातकालीन विभाग के बाहर हुई। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, वेंटिलेटर और अन्य मशीनें प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही हैं। ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा न होने से बड़े संकट की आशंका है। इस बीच, दिल्ली सरकार के राजीव गांधी अस्पताल में शुक्रवार को ऑक्सीजन की कमी के चलते उपलब्ध ऑक्सीजन बिस्तरों की संख्या 500 से घटाकर 350 कर दी गई। अभी मरीजों की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाई है।