कोरोना योद्धाओं को अस्पताल प्रशासन का तुगलकी फरमान: एक सप्ताह DCHC में देंगे बिना रेस्ट डयूटी

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आवाज़ ए हिमाचल 

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर 

21 जून। कोरोना महामारी के दौरान जहां कोरोना योद्धा अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी डयूटी निभा रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के तुगलगी फरमार भी इन योद्धाओं पर भारी पड़ रहे हैं। इनका मनोबल इस आपदा की स्थिति में बढऩे में बजाये कम भी हो सकता है। जिसके चलते कोरोना योद्धाओं के हितों को देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग को उचित कदम उठाने चाहिए। ताकि आगामी भविष्य में कोरोना योद्धा मजबूत होकर संभावित तीसरी लहर का भी मुकाबला कर सकें। जानकारी के अनुसार जिला बिलासपुर के अंतर्गत क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में बनाए गए कोविड हैल्थ सेंटर में अस्पताल प्रशासन की ओर से डयूटी रोस्टर बदला गया है। कोविड हैल्थ सेंटर में सोमवार से आठवे बैच की ड्यूटी लगाईं गई है।

परन्तु हैरानी की बात है की इस बैच में सिर्फ एक चिकित्सक एक स्टाफ नर्स तथा एक सफाई कर्मचारी लगाया गया है जो सात दिन तक लगातार अपनी सेवाए देंगे। इन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक मिनट के रेस्ट का भी प्रबंध नही है। इससे पूर्व सात बैच ने कोविड हैल्थ सेंटर में अपनी सेवाए दी जिसमे दो चिकित्सक दो स्टाफ नर्स दो सफाई कर्मचारी होते थे जो 12 – 12 घंटे की शिफ्ट में अपनी सेवाए प्रदान करते थे तथा 12 घंटे रेस्ट करते थे।परन्तु इस बार अस्पताल प्रशासन की तरफ से जो आदेश जारी हुए है उनमे मात्र एक चिकित्सक और एक स्टाफ नर्स की ड्यूटी लगाई गई है।मतलब सात दिन तक बिना किसी रेस्ट के इन कर्मचारीयो को अपनी सेवाए   देनी पड़ेगी।

वहीँ इस संधर्भ में स्वास्थ्य प्रशासन का कहना है कि कोविड हैल्थ सेंटर में मात्र 6 लोग दाखिल है जिसके चलते स्टाफ को कम किया गया है। गौरतलब है की इस कोविड हैल्थ सेंटर में उन कोरोना पोजटिव लोगो को रखा जाता है जिन्हें ज्यादा दिक्कत हो। ऐसे में इस सेंटर में यदि एक ही चिकित्सक और एक ही स्टाफ नर्स सात दिन तक बिना किसी रेस्ट के अपनी ड्यूटी देगी तो इस सेण्टर की गुणवता क्या रहेगी इस पर भी प्रशन चिन्ह लगना स्वाभाविक है। बहरहाल इस सेण्टर में चाहे मरीजो की संख्या कम है पर किसी एक व्यक्ति द्वारा बिना किसी रेस्ट के सात दिन तक लगातार ड्यूटी करना संभव नही है।शायद इस बात की तरफ अस्पताल प्रशासन ने ड्यूटी रोस्टर बनाते वक्त ध्यान नही दिया। जिसका खामियाजा अब ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों को भुगता पड रहा है। अस्पताल प्रशासन की तरफ से जारी ऐसे तुगलकी फरमान से इन कोरोना योद्धाओं के मनोबल पर भी काफी असर पड़ रहा है।

पहले कोविड हैल्थ सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों की डयूटी रूटेशन के हिसाब के लगाई जाती थी। लेकिन इस बार कोविड केयर हैल्थ सेंटर में मातर एक स्टाफ नर्स और एक चिकित्सक की ड्यूटी लगाईं गई है जिन्हें लगातार एक सप्ताह तक अपनी डयूटी देनी पड़ेगी। अस्पताल प्रशासन की तरफ से जारी ड्यूटी रोस्टर में क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में स्थित कोविड केयर हैल्थ सेंटर में एक चिकित्सक, दो वार्ड सिस्टर, एक स्टाफ नर्स, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी, एक सफाई कर्मचारी की डयूटी लगाई गई है। जबकि रेडियोग्राफर व लैब टैक्नीशियन की डयूटी ऑनकाल रखी गई है। इन स्वास्थ्य कर्मियों को 21 जून से 27 जून तक डयूटी लगातार देने के निर्देश अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी किए गए हैं। लगातार एक सप्ताह तक डयूटी देने के इन निर्देशों को देखकर इन स्वास्थ्य कर्मियों के होश भी फाक्ता हो चुके हैं। लेकिन अधिकारियों के निर्देशानुसार इन स्वास्थ्य कर्मियों ने भी डयूटी देने का मन बनाया है। जबकि इससे पहले कोविड केयर हैल्थ सेंटर में नियमानुसार रूटेशन डयूटी स्वास्थ्य कर्मी निभा चुके हैं। बता दें कि स्वास्थ्य संस्थान में स्वास्थ्य कर्मियों की डयूटी सुबह के समय आठ से दो, दो से आठ व रात्रि डयूटी का समय आठ से आठ 12 घंटे तक निर्धारित है। लंबे समय से स्वास्थ्य कर्मी इस आधार पर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन इस बार अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशानुसार एक सप्ताह लगातर डयूटी देनी पड़ेगी। बहरहाल, सोमवार से इन स्वास्थ्य कर्मीयो ने अपनी डयूटी देना शुरू कर दिया है ।

उधर, इस बारे में क्षेत्रीय अस्पताल के एमएस डा. नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि कोविड हैल्थ सेंटर मरीजों की संख्या कम होने के चलते कम कर्मियों की डयूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यदि संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती है तो अन्य स्टाफ सदस्यों की डयूटी भी लगाई जाएगी। वहीं टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के मुख्य संयोजक अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की डयूटी रूटेशन के आधार पर लगानी चाहिए। सात दिन तक बिना किसी रेस्ट के लगातार ड्यूटी देना न तो संभव है और न तर्कसंगत  है। कानूनी रूप से भी आप किसी कर्मचारी से ऐसे ड्यूटी नही ले सकते  उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य संस्थान में स्टाफ की कमी है तो अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के स्टाफ की सेवाएं यहां पर लेनी चाहिए। ताकि आपदा के इस समय किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके।

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