आवाज़ ए हिमाचल
जिनेवा। कोरोना महामारी के बीच एक और बिमारी ने पांव पसार लिए हैं, जिसने सभी की नींद हराम कर रखी है। खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर चिंता जताई है और कहा है कि दुनिया के 24 देशों में इस बिमारी ने घर कर लिया है। हम बात कर रहे हैं हैजा की। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हैजे के खतरे का आकलन प्रकोपों की संख्या में वृद्धि और उनके भौगोलिक विस्तार के कारण बहुत अधिक है।
यहां जारी एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि संसाधनों की वैश्विक कमी के कारण कई एक साथ प्रकोपों का जवाब देने की समग्र क्षमता पर दबाव बना हुआ है। इसमें मुंह से दिए जाने वाले हैजा के टीके की कमी के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा कर्मियों पर अत्यधिक दबाव भी शामिल है, जो कि एक ही समय में कई रोग प्रकोपों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों से निपट रहे हैं।
डब्लयूएचओ वर्तमान स्थिति के आधार पर इसके वैश्विक स्तर पर जोखिम का आकलन बहुत अधिक करता है। बयान में यह बताया गया है कि 20 मार्च तक 24 देशों में हैजा फैलने की रिपोर्ट है। संगठन के अनुसार हैजा के प्रकोप से प्रभावित अधिकांश देश अफ्रीका और पश्चिम एशियाई देश हैं।