आवाज ए हिमाचल
23 फ़रवरी। कोरोना महामारी के बाद ऑफिस का कामकाज कैसे होना चाहिए और किन चीजों पर अधिक फोकस किया जाना चाहिए, दुनियाभर के 3000 सीईओ के बीच हुए सर्वे में इस सवाल के जवाब तलाशने की कोशिश की गई। आईबीएम का यह सर्वे कोरोना वायरस के साथ ही कॉरपोरेट प्राथमिकताओं से भी पर्दा उठाता है। रिपोर्ट में पांच प्रमुख कारकों की भी पहचान की गई है, जो बेहतर प्रदर्शन करने वाले सीईओ को भीड़ से अलग करते हैं।आईबीएम की इस 2021 सीईओ रिपोर्ट के मुताबिक, डिस्ट्रैक्शन से छुटकारा, बेकार परंपराओं को त्यागना और अद्वितीय फायदे का लाभ उठाना जरूरी है। आईबीएम सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मार्क फोस्टर कहते हैं कि कोरोना महामारी ने कंपनियों के लीडर के सामने नई चुनौती पेश की है कि उन्हें कहां अपना फोकस रखना चाहिए और कहां नहीं। जैसे अब कंपनी अपने कर्मचारियों पर ध्यान दे रही है। इस रिपोर्ट के तीन हिस्से हैं- प्राथमिकता, लाभ और सीख।
महामारी के बाद काम की प्रमुख तीन प्राथमिकताएं हैं
चुस्ती से काम करना, तकनीक और रेगुलेशन (विनियमन)। चुस्ती से काम करने का अर्थ है तेजी से प्रतिक्रिया करने में सक्षम होने के लिए खुद को तैयार करना। 56 फीसद सीईओ आक्रामक तरीके से अगले दो से तीन वर्षों में परिचालन चपलता और लचीलेपन पर काम करना चाहते हैं। वहीं, अगले कुछ वर्षों में प्रौद्योगिकी का व्यावसाय पर सबसे बड़ा प्रभाव होगा। सीईओ इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कनेक्टेड डिवाइसेस, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की ओर देख रहे हैं। सर्वे में शामिल आधे सीईओ ने प्राथमिकता के रूप में रेगुलेशन पर ध्यान देने की बात कही है। यह गोपनीयता, डेटा, व्यापार को लेकर सरकारों द्वारा बढ़ती मुखरता को दर्शाता है।