आवाज ए हिमाचल
24 मार्च। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है। शिक्षा विभाग ने टीजीटी से लेक्चरर स्कूल न्यू की पदोन्नति की फाइल रोक दी है। 550 के करीब टीजीटी को पदोन्नत कर लेक्चरर स्कूल न्यू बनाया जाना है। शिक्षा विभाग ने इसके पीछे तर्क दिया है कि पदोन्नति के बाद स्कूलों में टीजीटी के काफी पद खाली हो जाएंगे। प्रदेशभर से शिक्षक एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर में शिक्षा निदेशालय पहुंचेंगे। वहीं, पदोन्नति के बाद एडजेस्टमेंट के लिए भी शिक्षा निदेशालय में भीड़ बढ़ जाएगी। इससे कोरोना फैलने का खतरा है।
विभाग ने इसके चलते पदोन्नति की प्रक्रिया को ही रोक दिया है। स्थिति सामान्य होने के बाद इसकी फाइल दोबारा से चलाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने इससे पहले स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाई थी। इसके अलावा शिक्षकों के निदेशालय आने पर भी रोक लगाई गई थी। हालांकि जरूरी फाइलें निपटाई जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के राज्य अध्यक्ष चितरंजन काल्टा की अध्यक्षता में संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मिला था। उन्होंने मंत्री से शिक्षकों की पदोन्नति जल्द करने की मांग उठाई थी। संघ ने कहा था कि शिक्षकों के हर वर्ग की पदोन्नति हो चुकी है, केवल टीजीटी की पदोन्नति को जानबूझ कर रोका गया है। शिक्षकों की पदोन्नति की फाइल पूरी तरह तैयार है। इसके लिए विजिलेंस क्लीयरेंस मिल चुकी है। निदेशालय ने शिक्षकों को स्टेशन अलॉट करने की फाइल भी तैयार कर दी है। इसे अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाना प्रस्तावित है। चूंकि अब कोरोना की वजह से इसे रोका गया है ऐसे में शिक्षकों को पदोन्नति के लिए 15 अप्रैल तक का इंतजार करना पड़ सकता है। संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा हरीश कुमार ने कहा कि पदोन्नति की प्रक्रिया चली हुई है। जल्द ही इसे पूरा कर दिया जाएगा।