आवाज़ ए हिमाचल
06 जून । कोरोना संकट के इस मुश्किल दौर में इंटरनेट की सुविधा न होने पर भी लाहौल घाटी में शिक्षक घर -घर जाकर शिक्षा की रोशनी फैला रहे हैं। लाहौर घाटी के दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा न के बराबर है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूल भी बंद हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसे देखते हुए कुछ अध्यापक दुर्गम क्षेत्रों में घर-घर जाकर बच्चों की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं। लाहौल के दुर्गम गांव सलग्रां में इंटरनेट तो दूर की बात दूरसंचार सेवा भी उपलब्ध नहीं है।
लाहौल के अंतिम छोर में बसे तिंदी पंचायत के कैण प्राथमिक स्कूल में तैनात जेबीटी अध्यापक राजेंद्र बीते डेढ़ सालों से बिना अवकाश लिए बच्चों को ऑफलाइन सिस्टम के जरिये शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं। राजेंद्र पढ़ाई के अलावा बच्चों को संगीत की भी शिक्षा देते हैं। राजेंद्र के अनुसार वह पिछले साल ही नियमित हुए हैं। वहीं मयाड़ घाटी के तिंगरेट में तैनात केंद्रीय मुख्य अध्यापक शाम लाल भी नौनिहालों के साथ शिक्षकों के लिए प्रेरणा बनने का कार्य क्र रहे हैं।