जल्द दिया जाएगा मुआवजा, सीमा चौकियों पर कड़ी जांच के निर्देश
आवाज़ ए हिमाचल
तिरुवनंतपुरम। केरल के वायनाड जिले में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की सूचना मिलने के बाद से अब तक दो सुअर फार्मों में 190 सूअरों को मार दिया गया है।
जिला प्रशासन ने सोमवार को कहा कि हत्या जारी रहेगी, लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सब नियंत्रण में हैं। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान से बीमारी का पता लगाने के लिए भेजे गए नमूनों के परीक्षण रिपोर्ट में पाजिटिव आने के बाद सूअरों को मारने का काम शुरू किया गया।
बता दें, वायनाड के मनंतवाडी क्षेत्र के दो फार्मों में सूअरों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले थे। उनकी रिपोर्ट भी पाजिटिव आई थी, जिसके चलते एक खेत के सभी जानवरों की मौत हो गई।
हत्या अभियान का समन्वय कर रहीं मनंतवाडी सब कलेक्टर श्रीलक्ष्मी ने किसानों को सूचित किया है कि जल्द से जल्द पर्याप्त मुआवजा जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य क्षेत्रों या खेतों में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकाल के अनुसार सूअरों को मारने का काम किया जा रहा है।
केरल के पशुपालन मंत्री जे. चिंजू रानी ने भी सभी सीमा चौकियों पर कड़ी जांच के निर्देश जारी किए हैं और राज्य में सूअर, सूअर का मांस, सुअर के मांस उत्पादों और सुअर के मलमूत्र को ले जाने वाले वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने वन विभाग को यह भी सुझाव दिया कि यदि कोई जंगली सूअर असामान्य परिस्थितियों में मरता है तो उन्हें सूचित किया जाए।
पशु कल्याण विभाग के डाक्टरों के मार्गदर्शन में केरल में सभी फार्मों का निरीक्षण किया जा रहा है। जानवरों में संक्रामक और संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 2009 (2009 का केंद्रीय अधिनियम 27) के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करके सूअरों की तस्करी करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा दी जाएगी।
मंत्री ने आगे बताया कि सभी खेत मालिकों को पशु कल्याण विभाग द्वारा सुझाए गए जैव सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का ध्यान रखना चाहिए, यदि वर्तमान में निवारक टीका उपलब्ध नहीं है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलाजी डा अवि कुमार ने कहा, ‘स्वाइन फ्लू आमतौर पर इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जो सूअरों में रहता है। स्वाइन फ्लू के लक्षण बुखार, गले में खराश, नाक बहना, नाक बंद होना है। वायरस के कारण श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है।’