आवाज ए हिमाचल
18 फरवरी।राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि केंद्र सरकार से हिमाचल सरकार का तालमेल ही यहां विकास की राह खोल सकता है। हिमाचल सरकार के आपदा पर मदद नहीं देने के मामले में उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम का आकलन और राज्य सरकार की ओर से दिए वक्तव्य का आकलन कुछ और था। अगर ऐसी कोई बात है तो राज्य सरकार को नई दिल्ली जाना चाहिए और केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए। केंद्र हिमाचल की अनदेखी नहीं करेगा। अगर कहीं गलतफहमी होती है तो उसे बैठकर दूर करना चाहिए। केवल कह देने से ही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता अपने विभागीय संदर्भ में करनी चाहिए। शुक्ल बोले-मेरी भी कहीं आवश्यकता होती है तो मैं भी बात करूंगा।मंगलवार को अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर शुक्ल ने राजभवन में कॉपी टेबल बुक का लोकार्पण करने के बाद पत्रकार वार्ता की। शुक्ल ने कहा कि वह यह कह सकते हैं कि केंद्र से बजट में हिमाचल प्रदेश को भरपूर पैसा दिया गया है। राज्य सरकार को अपने अंशदान पर ध्यान देना चाहिए। केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए ढाई सौ करोड़ से ऊपर बजट आया है। यह नहीं कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार ने कोताही की है। आपस में तालमेल जरूरी है। उन्होंने केंद्र से आ रहे बजट का समय पर यूसी नहीं देने और इसे दूसरे कामों में डायवर्ट करने पर भी सवाल उठाया।
नशे के विरुद्ध काम करने के अभियान में न हो राजनीति
राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि नशे के खिलाफ पुलिस अपने स्तर पर काम कर रही है। अकेले पुलिस ही कर पाएगी, ऐसा नहीं है। नशे के विरुद्ध काम करने के अभियान में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हिमाचल बचाओ, नशा भगाओ, इस नारे के साथ काम करना चाहिए। शुक्ल ने कहा कि अर्की में लोगों ने एक महीने तक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया और उसका मकसद नशे के खिलाफ अभियान चलाना रहा है। नालागढ़ में भी बच्चियों ने इस दिशा में काम किया। शुक्ल ने कहा कि इस बारे में जना आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। प्रदेश में नशा छुड़ाने वाले संस्थानों की स्थापना के लिए राज्य सरकार जमीन की व्यवस्था तो करे। कई लोगों को पता है कि उनका बच्चा नशा कर रहा है। परिवार की इज्जत बचाने के लिए लड़के की जान जाने दे रहे हैं। उनका सम्मान उनके जीवन से बड़ा हो गया है, यह भी चिंताजनक है।