आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली, 14 मई। गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने बढ़ा फैसला किया है। शनिवार को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया। गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को समर्थन करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। इस बीच आपको बता दें कि जिन देशों को पहले ही इसके निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा है कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। भारत में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है। कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है। इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है।
बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमता में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जिससे गेहूं का निर्यात बढ़ा है। इसके अनुरूप घरेलू स्तर पर मांग बढ़ने के बीच गेहूं और गेहूं के आटे के दाम भी आसमान छू रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले आटे की कीमत में अब तक करीब 13 फीसदी की तेजी आ चुकी है।
गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने के साथ ही डीजीएफटी ने एक दूसरी अधिसूचना में जानकारी दी कि प्याज के बीज की निर्यात नीति में भी बदलाव किया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा गया है। यहां बता दें कि इससे पहले प्याज के बीज का निर्यात भी प्रतिबंधित श्रेणी में था।