आवाज़ ए हिमाचल
25 मई । सोमवार को केंद्र सरकार ने 26 मई को आयोजित होने वाले किसानों के देशव्यापी प्रदर्शन को रद्द करने का आग्रह किया है। सरकार को चिंता जताई है कि देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा तीन लाख के पार पहुंच चुका है, ऐसे में यह विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम सुपरस्प्रेडर साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर के तीन सप्ताह के अंदर अब तक एक तिहाई मौत हो चुकी है और इसकी बड़ी वजह देश में चुनाव और कुंभ मेले जैसे राजनीतिक-धार्मिक आयोजनों को माना जा रहा है।
किसानों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उनके आंदोलन के छह माह बुधवार को पूरे हो जाएंगे और इस मौके पर नए कृषि कानून के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि तीनों कानून वापस लें। किसान संक्रमित होने के खतरे को नजरअंदाज करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए बैठे हैं।
किसान संगठनों की संयुक्त समिति ने हमारी इच्छा प्रदर्शन कर रहे किसानों या दूसरों के स्वास्थ्य को जोखिम में नहीं डालना है। लेकिन इस कानून से खेती-किसानी कॉरपोरेट के हाथ में चली जाएगी और हमारी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। यह किसानों के लिए जिंदगी और मौत का मामला है।