केंद्र ने रोके हिमाचल प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग के 343 करोड़

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आवाज़ ए हिमाचल

30 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में भले ही कोविड के मामलों में कमी आ गई है, लेकिन बावजूद इसके आर्थिक संकट से जूझ रहे विभागों को राहत नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल समग्र शिक्षा विभाग का 342.96 करोड़ का बजट रोक दिया गया है। अगर मार्च से पहले हिमाचल को अप्रूव हुई यह राशि नहीं मिलती है, तो ऐसे में करोड़ों का यह बजट लैप्स हो जाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल पीएबी की बैठक में वर्ष 2020-2021 के लिए 744.47 करोड़ का बजट अप्रूव किया गया था। पैब की बैठक में प्रारंभिक शिक्षा को 339.38 करोड़, सेकेंडरी शिक्षा को 309.55 करोड़ तथा टीचर एजुकेशन को 21.10 करोड़ की राशि केंद्र सरकार की ओर से अप्रूव की गई थी। उसमें से प्रारंभिक शिक्षा विभाग को अभी 219.94 करोड़, सेकेंडरी के लिए 133.11 करोड़ के साथ ही टीचर एजुकेशन के लिए 8.31 करोड़ की राशि मिली है। कुल मिलाकर 342.96 करोड़ का शिक्षा का बजट अभी केंद्र सरकार के पास रुका है।

बताया जा रहा है कि समग्र शिक्षा विभगा ने केंद्र सरकार को सेंकेड इंस्टालमेंट के लिए प्रोपोजल भेज दिया है। इसके साथ ही बचे हुए बजट को मांगा गया है, लेकिन यहां शिक्षा विभाग के सामने बड़ी परेशानी यह भी है कि बिना यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के कैसे केंद्र सरकार से बजट आएगा। बता दें कि कोविड की बजह से प्रदेश के प्राइमरी व मिडल, हाई, सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षा पर कितना बजट खर्च हुआ है, इसकी कोई जानकारी नहीं आई है।

50 प्रतिशत स्कूलों से भी यूटिलाइजेशन की रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे में अब समग्र शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नोटिस जारी कर जल्द यूसी भेजने को कहा तो है, लेकिन कब स्कूल प्रबंधन बजट के खर्च का ब्यौरा देते है, यह देखना अहम होगा। बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यह तय किया है कि स्कूलों को जारी बजट में से 50 प्रतिशत बजट के खर्च का ब्यौरा देना होगा। 50 प्रतिशत यूटिलाइजेशन आने के बाद ही दूसरी इंस्टालमेंट दी जाती है। हालांकि सभी स्कूलों से यूटिलाइजेशन आए बिना ही समग्र शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार से बजट की मांग की है। अब देखना होगा कि क्या बिना यूसी आए ही केंद्र सरकार से बजट जारी होता है या नहीं। (एचडीएम)

फरवरी तक का समय

समग्र शिक्षा विभाग के पास केंद्र से पैसे निकलवाने के लिए केवल फरवरी माह का ही समय बचा है। विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि उन्होंने केंद्र सरकार को वित्त वर्ष खत्म होने से बजट की ग्रांट जारी करने के लिए प्रोपोजल भेजा है।

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