केंद्र के पास फंसे एनपीएस के 9243 करोड़

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आवाज़ ए हिमाचल 

 शिमला। भारत सरकार के पास न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस के हिस्से के तौर पर हिमाचल के 9243 करोड़ जमा हैं। इस राशि को वापस लौटाने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा गया था, लेकिन पीएफआरडीए ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। यह जानकारी सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद राज्य मंत्रिमंडल ने हिमाचल के 1.30 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने का फैसला लिया है और कैबिनेट में हुए इस फैसले से केंद्र सरकार को पत्राचार के माध्यम से अवगत करवा दिया गया है। अभी वहां से जवाब का इंतजार है। मई, 2003 से पूर्व नियमित रूप से नियुक्त हुए कर्मचारी पहले से ही ओपीएस के तहत हैं।

उन मामलों में, जिनमें कर्मचारियों की नियुक्ति मई 2003 के बाद हुई है, परंतु कोर्ट के फैसले के अनुसार उनको नियमित नियुक्ति 15 मई, 2003 से पूर्व की तिथि से दी गई है। ऐसे कर्मचारियों को एनपीएस के अंतर्गत लिया गया है तथा धनराशि भी लौटा दी गई है। शेष कर्मचारियों का सरकार वाला शेयर जो एनएसडीएल में जमा है, उसे सरकारी खजाने में वापस लाने के लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण से पत्राचार किया गया था। इसके उत्तर में उनके कार्यालय द्वारा सूचित किया गया है कि पीएफआरडीए अधिनियम-2003 पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण विनियमन 2015 और उनके संसाधनों के अनुसार ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है, जिसके अनुसार राज्य सरकार एवं कर्मचारी द्वारा किया गया अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज राज्य सरकार को वापस दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जवाब भारत सरकार से जो भी आए, सरकार अपने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देगी और इसके लिए इस साल के लिए 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ओल्ड पेंशन को लेकर एसओपी भी फाइनल हो गई है।

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