आवाज़ ए हिमाचल
बिलासपुर। केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश की तीन बड़ी रेल परियोजनाओं को 1,902 करोड़ रुपये का तोहफा मिला है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन परियोजनाओं के लिए इस बजट में सबसे अधिक 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। निर्माणाधीन रेललाइन चंडीगढ़-बद्दी को 450 करोड़ और नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के लिए 452 करोड़ मिले हैं। पिछले बजट से इस बार प्रदेश की रेल परियोजनाओं के लिए 400 करोड़ ज्यादा मिले हैं। इससे इनके निर्माण कार्य में तेजी आएगी। भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को पिछली बार केंद्र सरकार ने 420 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का एलान लुहणू मैदान से किया है।
इस कारण इस बार के बजट में पिछले बजट से दोगुना राशि का प्रावधान किया है। वहीं बद्दी-चंडीगढ़ रेललाइन के निर्माण में भी अब तेजी आएगी। चंडीगढ़ से औद्योगिक क्षेत्र के रेललाइन से जुड़ने का लाभ होगा। नंगल-तलवाड़ा रेललाइन अंब के दौलतपुर चौक तक है। अब आगे इस परियोजना को बढ़ाने के लिए आसानी होगी। पैसे की कमी न होने से इन परियोजनाओं का निर्माण तेजी से होगा। बताते चलें कि भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन में 2022-23 में 1,260 करोड़ खर्च हुए हैं। चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन में 45 करोड़, नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के लिए गत वित्त वर्ष में 204 करोड़ खर्च किए गए हैं। संवाद
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ऊना-हमीरपुर रेललाइन को लगातार तीन साल 1,000 रुपये मिले
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट हमीरपुर-ऊना रेल लाइन को लगातार तीसरे साल भी कागजों में बनाए रखने के लिए मात्र 1,000 रुपये ही मिले। हालांकि इस परियोजना की लागत को कम करने के लिए अनुराग ठाकुर ने वर्ष 2022 में दोबारा रेलवे बोर्ड से डीपीआर अलाइनमेंट में बदलाव करवाया था और प्रारंभिक लागत करीब 2,000 करोड़ कम करवाई थी। इसके बावजूद भी इस परियोजना को केंद्र ने तरजीह नहीं दी।
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला को 5,310 करोड़ का बजट
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण रेललाइन ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला को केंद्र ने 5,310 करोड़ का बजट दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से बेहद जरूरी इस परियोजना की प्रारंभिक लागत 27,949 करोड़ रुपये है। इसकी लंबाई 290 किलोमीटर है। इस परियोजना के पूरा होने से सेना को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।