आवाज ए हिमचाल
बबलू गोस्वामी, नादौन ( बड़ा)
19 फ़रवरी।कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर स्थित बड़ा में किसानों एवं कृषक महिलाओं के लिए आर्या परियोजना के अंतर्गत 15-17 फरवरी तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें नादोन तथा सुजानपुर विकास खंड की 33 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया । प्रशिक्षण शिविर में स्थानीय फलों एवं सब्जियों के मूल्यवर्धन हेतु उनका प्रशिक्षण करके विभिन्न उत्पादन बनाना तथा उसके लंबे समय परिरीक्षत करके रखने के विभिन्न तरीके सिखाए । प्रशिक्षण शिविर में डॉ रेखा डोगरा ने स्थानीय फल आमला से बर्फी, जैम, अचार चटनी तथा कच्चा पपीता फल से लड्डू, पेड़ा, बर्फी तथा चटनी सब्जियों का अचार, मशरूम तथा टमाटर व अदरक की चटनी इत्यादि बनाना सिखाएं । इन अवसर पर आह्वान किया कि इस सब खाद्य उत्पादों को अपने घरों में खाली समय में या अपने दैनिक गृह कार्यों से निवृत्त होकर बनाएं । इससे अपनी आमदनी में इजाफा बढ़ोतरी कर सकते हैं । स्थानीय फल जिनका कि हम लोग आमतौर पर कम उपयोग करते हैं जैसे कि कैथ, बवाड़ा, हरड, आमला एवं बहेड़ा जो पोषकता से भरपूर है ।
उनसे विभिन्न उत्पाद बनाने की जानकारी साझा की तथा उन्हें बताया कि जब वह इस तरह के घरेलू उत्पादन बनाकर स्थानीय मेलों में या बाजारों में बेचकर आमदनी अर्जित करेंगे तब उन्हें काम करने का उत्साह भी बढ़ेगा तथा अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ उनका कदम भी बढ़ेगा । इस समारोह में केंद्र से प्रशिक्षित महिला रीना चंदेल को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया जो कि जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपने स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को बेचकर समृद्धि प्राप्त कर चुकी है । उन्होंने अपने विचारों को सांझा किया तथा बताया कि समूह में भी एकजुट होकर किस तरह के कार्य कर सकते हैं । कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम संबंधित डॉक्टर प्रदीप कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन करनेे की सलाह दी जिससे कि वह अपने परिवार को संपूर्ण हो पोषक आहार के साथ-साथ अपने परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से एक अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर सकते हैं । उन्होंने पूर्ण विश्वास दिलाया कि भविष्य में जब भी किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र से किसी भी तरह की जानकारी की आवश्यकता या सहायता होगी, हम सभी वैज्ञानिक आपके साथ हैं तथा हर समस्या का समाधान करेंगे । केंद्र के सभी वैज्ञानिकों ने अपने-अपने विषयों की संक्षेप में जैसे कि सब्जी उत्पादन, नर्सरी उत्पादन, पौधों में लगाने वाले कीड़ों से बचाव एवं समस्याओं के समाधान की जानकारी साझा की ।