आवाज ए हिमाचल
बबलू गोस्वामी, नादौन
2 मार्च: जिला हमीरपुर के धनपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम उत्पादन के ऊपर सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया ।
इस शिविर में जिला के सुजानपुर, हमीरपुर व नादौन विकास खंडों के लगभग 50 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया । शिविर का शुभारंभ करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी तथा इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ प्रदीप कुमार ने प्रशिक्षुओं को मशरूम उत्पादन के महत्व, खाने वाले मशरूम तथा जहरीले मशरूम में क्या अंतर है और इनकी क्या पहचान है, के बारे में जानकारी दी। डॉ प्रदीप ने मशरूम उत्पादन में उपयोग आने वाली समग्री व इन्हें एक समान बनाने के तरीके भी किसानों को बताए । डॉ प्रदीप ने इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को मशरूम की किस्मों जैसे बटन मशरूम, दुधिया मशरूम डिगरी आदि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन्हें लगने बाले कीटों तथा अन्य बीमारियों से कैसे बचाया जा सकता है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी ।
डॉ प्रदीप ने यह भी बताया कि हाल ही में एक नए मशरूम जिसका नाम शिताके व ऋषि है जो कि पूर्ण रूप से औषधीय गुणों से भरपूर है, का अविष्कार किया गया हैं । डॉ प्रदीप ने यह भी बताया कि इस शिविर के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को प्रगतिशील किसानों की मशरूम उत्पादन इकाइयों का भ्रमण भी करवाया गया ।