आवाज़ ए हिमाचल
19 नवंबर। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान राजेंद्र मिन्हास ने केंद्र सरकार का कृषि बिल वापस लेने पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि किसानों के हितों को देखते हुए केंद्र सरकार का कृषि बिल वापस लेना एक ऐतिहासिक निर्णय है।मन्हास ने कहा कि इसी तरह भारत के 80 लाख कर्मचारियों के हितों को देखते हुए केंद्र सरकार को नई पेंशन स्कीम को तुरंत बंद करना चाहिए।जिला प्रधान ने कहा की कर्मचारियों का जमा पैसा मल्टीनेशनल कंपनियों में जबरदस्ती लगाया जा रहा है।
जिसका लगातार हर राज्य में विरोध हो रहा है और रिटायर होने पर कर्मचारी फिर से बेरोजगार हो जा रहा है क्योंकि न्यू पेंशन स्कीम के तहत उसे मात्र हजार से दो हजार के बीच पेंशन लग रही है, जो कि किसी भी तरह से कर्मचारियों के हित में नहीं है। जिला प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी एक देश एक विधान की बात करते हैं तो एक देश एक पेंशन पर भी उन्हें विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां सरकारी कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन लेते हैं,वही विधायक और सांसद पुरानी पेंशन के तहत पेंशन ले रहे हैं।
जब एक देश एक विधान हो सकता है तो एक देश एक समान पेंशन क्यों नही। जिला प्रधान ने कहा कि पेंशन सरकारी कर्मचारी का संवैधानिक हक है और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के हितों को देखते हुए तत्काल पुरानी पेंशन व्यवस्था भारत में लागू करेगी जिला प्रधान ने कहा कि वेस्ट बंगाल आज भी अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे रहा है तो बाकी राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने आशा प्रकट की कि मोदी सरकार तत्काल इस बारे में निर्णय लेगी और कृषि बिलों की तरह एनपीएस को रद्द किया जाएगा।