आवाज ए हिमाचल
13 जनवरी। सुप्रीम काेर्ट ने नए कृषि कानून पर राेक लगाते हुए चार सदस्यीय कमेटी गठित करने का अादेश जारी िकया ताे प्रदेश कांग्रेस ने उस पर भी सवाल खड़े कर दिए। पीसीसी चीफ कुलदीप सिंह राठौर ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नए कृषि कानूनों को लेकर बनाई चार सदस्यीय कमेटी के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इन चारों सदस्यों का पहले से ही इस कृषि कानून का खुला समर्थन रहा है। ऐसे में इस कमेटी की रिपोर्ट की निष्पक्षता सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा है कि किसान भी इस कमेटी को पूरी तरह नकार चुके हैं। उन्होंने कहा है कि उन्हें भी ऐसा लगता है कि इस कमेटी का गठन किसानों के इस आंदोलन को दबाने मात्र का एक प्रयास है।
पीसीसी चीफ कुलदीप राठाैर बाेले, इन सभी मेंबर्स का पहले से ही रहा समर्थन
उन्होंने कहा है कि जबकि इस कमेटी की कोई कानूनी वैद्यता ही नही है तो इसके किसी भी निष्कर्ष के क्या मायने होंगे। राठौर ने उच्चतम न्यायालय से अपने इस कमेटी गठन के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा है कि अगर न्यायालय को लगता है कि किसी भी कमेटी से इस कानून का कोई हल निकल सकता है तो उन्हें ऐसी कोई कमेटी बनानी चाहिए जिस पर इन किसानों को पूरा भरोसा हो। कमेटी में कृषि व बागवानी से संबंधित विशेषज्ञ, किसान संगठनों के प्रतिनिधि तथा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाने चाहिए। राठौर ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित इस कमेटी में शामिल किए गए सदस्य किसान हित की पेरबी नही कर सकते क्योंकि यह सभी पहले से ही सार्वजनिक तौर पर इस कानून के पक्ष में अपने विचार प्रकट कर चुकें है। इसलिए इस कमेटी से किसी भी न्याय या निष्पक्षता की उम्मीद नही की जा सकती।