आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, धर्मशाला। उपायुक्त कार्यालय में आज सोमवार को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर की अध्यक्षता में कृषक उत्पादन संगठनों (एफपीओ) तथा कृषि अवसंरचना कोष की डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक ने एफपीओ स्कीम में एक जिला एक उत्पाद तथा कृषि अवसंरचना कोष के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि याोजना के तहत जिला भर में दस हजार कृषक उत्पादन संगठनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जुलाई 2020 में देश की कृषि विकास को गति देने तथा किसानों की आर्थिकी को अधिक सुदृढ़ करने हेतु ‘कृषि अवसंरचना विस्तार’ हेतु एक लाख करोड़ रूपए का कोष स्वीकृत किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत दो करोड़ रूपए तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज की छूट का प्रावधान होने के साथ भुगतान अवधि अधिकतम सात वर्ष तक की है। उन्होंने बताया कि बैंको से 8 जुलाई, 2022 से लेकर अब तक लिए गए पात्र ऋणों पर भी इस योजना का लाभ मिलेगा, इसके लिए कृषक अपने बैंको से संपर्क कर सकते हैं।
इन योजनाएं हैं लाभ के लिए पात्र
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत लाभ हेतु ऑर्गेनिक कृषि उत्पादक सामग्री उत्पादन, नर्सरी, टिश्यू कल्चर, बीज उपचार, किराए पर ट्रैक्टर, मशीनें, उन्नत कृषि, कृषि वाहन, कोल्ड स्टोर, वेयर हाउस, प्राथमिक कृषि प्रोसेसिंग संबंधी, बागवानी फसलों सम्बंधित पोस्ट हार्वेस्ट क्रियाकलाप, अनाज, दलहन व तिलहन फसलों सम्बन्धी पोस्ट हार्वेस्ट क्रियाकलाप (आटा मिल, दाल मिल, तेल मिल इत्यादि), मसालों, चाय, कपास, औषधीय फसलों संबंधी पोस्ट हार्वेस्ट क्रियाकलाप इत्यादि शामिल हैं।
ऋण हेतु पात्र आवेदक
उन्होंने बताया कि इस प्रकार के ऋण हेतु किसान स्वयं, कृषि उद्यमी, स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ), सहकारी समिति, कृषि मार्केटिंग संस्थाएं, आदि पात्र हैं।
ऐसे लें लाभ
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए पात्र व्यक्ति या संस्था को अपनी योजना की एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करके, अपने आधार नंबर तथा अन्य संबंधित जानकारियों को http://https//agriinfra.dac.gov.in पोर्टल को इंटरनेट पर खोलकर National Agriculture Infra Financing Facility पर क्लिक करें। इसके बाद बेनेफिशियरी बटन को क्लिक कर रजिस्ट्रेशन कर डी.पी.आर. अपलोड कर दें। उन्होंने बताया कि इसके बाद की कार्रवाई नियमानुसार स्वतः ही हो जाएगी।