आवाज़ ए हिमाचल
6 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के आनी खंड की पलेही पंचायत के तांदी गांव के साथ कुटल नामक स्थान पर रहने वाली 58 वर्षीय बिंदरू देवी 35 साल से अकेली गुफा में जीवन बसर कर रही है। महिला के पास न तो भूमि है और न कोई सरकारी सुविधा। वह जंगली जानवरों के खौफ में जीवन जीने के लिए विवश है। करीब 5 दशक पूर्व महिला ने यहां मजदूरी का काम कर रहे बंगाल के युवक के साथ शादी की थी।
महिला की दो बेटियां हैं, जिनका विवाह भी हो चुका है। बिंदरू देवी का पति करीब पांच साल पहले मर चुका है। ऐसे में अब यह महिला सुनसान में दशकों पूर्व बनी इस पत्थर की गुफा में अकेली ही अपनी बाकी की जिंदगी काट रही है। अपने जीवन यापन के लिए बिंदरू देवी ने एक गाय भी पाल रखी है। जबकि बेटियां भी कभी अपनी माता का ख्याल रखने के लिए पहुंच जाती हैं। बिंदरू देवी के दो भाई और दो बहनें हैं।
लेकिन जानकारी के अभाव के चलते पिता के नाम की डेढ़ बीघा जमीन भी अभी तक उसके नाम नहीं हो पाई। गुफा में न तो बिजली है और न ही कोई अन्य सुविधा। पलेही पंचायत की प्रधान सुषमा मेहता का कहना है कि बिंदरू देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सर्वे में डाला जा चुका है। स्वीकृति मिलते ही मकान बनाकर देंगी।