आवाज़ ए हिमाचल
उदयपुर, 14 मई। केंद्र सरकार के गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले को कांग्रेस ने किसान विरोधी बताया है। पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि निर्यात से किसानों को अच्छी कमाई हो सकती थी, परंतु सरकार ऐसा नहीं चाहती। इसी वजह से उसने यह किसान विरोधी कदम उठाया है।
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चिंतन शिविर के दूसरे दिन पत्रकारों से चर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा कि मुझे लगता है कि केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में गेहूं खरीद नहीं कर सकी। इसी वजह से उसने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। गेहूं का उत्पादन कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ा ही है। अगर खरीद हुई होती तो गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
चिदंबरम ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई अस्वीकार्य स्तर तक पहुंच गई है। अपनी गलत नीतियों से सरकार महंगाई बढ़ा रही है। इनकी आर्थिक नीतियां देशहित में नहीं हैं।
पी चिदंबरम ने कहा कि 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उदारीकरण के एक नए युग की शुरुआत की थी। देश ने उस समय धन सृजन, नए व्यवसायों और नए उद्यमियों, लाखों नौकरियों, निर्यात और 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकालने जैसी कई उपलब्धियां हासिल की थी। 30 साल के बाद मुझे लगता है कि वैश्विक और घरेलू विकास को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियों को पूरी तरीके से बदलने की जरूरत है।