किसानों से मक्की खरीदकर डिपुओं में आटा बेचेगी सुक्खू सरकार

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट में किसानों से प्राकृतिक खेती के माध्यम से तैयार मक्की की खरीद करने का एलान किया था जिस पर कृषि विभाग ने मक्की की खरीद शुरू कर दी है। अहम बात है कि किसानों से मक्की की खरीद के बाद अब सरकार मक्की का आटा भी बेचेगी और यह आटा सरकारी डिपुओं में बेचा जाएगा। पांच किलो व 10 किलो की पैकिंग में आटा दिया जाएगा जो कि सर्टिफाइड होगा।

मुख्यमंत्री सुक्खू जल्दी ही इस योजना को लांच करने जा रहे हैं और इसकी शुरुआत देहरा से की जाएगी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री से इसके लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने पर समय मांगा गया है मगर अभी तक समय नहीं मिला। मगर यह तय है कि देहरा से इस योजना को लांच किया जाएगा, जिसकी तैयारी अधिकारियों ने कर ली है।

 

प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से मक्की की खरीद चल रही है। इसके तहत अभी तक 100.85 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की जा चुकी है। बिलासपुर जिला से कृषि विभाग के प्राकृतिक खेती विंग को 11.29 मीट्रिक टन मक्की अभी तक पहुंची है।

हमीरपुर से 5.32 मीट्रिक टन, कांगड़ा से 33.30 मीट्रिक टन, मंडी से 7.40 मीट्रिक टन, सिरमौर से 20.17 मीट्रिक टन, सोलन से 13.92 मीट्रिक टन और ऊना से 9.45 मीट्रिक टन मक्की खरीदी जा चुकी है। अधिकारियों की मानें तो विभाग का लक्ष्य 500 मीट्रिक टन मक्की की खरीद का है। मगर उम्मीद है कि एक हजार मीट्रिक टन तक इसकी खरीद जा सकती है। सरकार ने बजट में की किसानों को 30 रुपए प्रति किलो का भाव देने का ऐलान कर रखा है, जो कि बाजार से दो गुना है। बाजार में किसानों से 15 रुपए किलो के हिसाब से मक्की खरीदी जाती है, जबकि सरकार ज्यादा पैसा दे रही है।

बताया जाता है खरीदी गई मक्की की टेस्टिंग नौणी विश्वविद्यालय की क्रॉप लैब में की जा रही है। यहां पर मक्की की पूरी टेस्टिंग के बाद देखा जाएगा कि उसमें केमिकल न हो क्योंकि पूरी तरह से ऑर्गेनिक मक्की ही ली जाएगी। यदि उसमें थोड़ा सा भी केमिकल मिलता है, तो उसे वापस कर दिया जाएगा।

 

15 फ्लोर मील मक्की पीसने को तैयार

प्राकृतिक खेती विंग के तहत सरकार ने यहां पर आटा पीसने वाली फ्लोर मिलों से भी बात कर ली है। 15 फ्लोर मिलें इस मक्की का आटा पीसने को तैयार हो चुकी हैं जिनके साथ पूरी बातचीत हो गई है। वहां से पैकिंग में यह मक्की का आटा सिविल सप्लाई कारपोरेशन के डिपुओं में आएगा और पांच व दस किलो की पैकिंग में इसे बेचा जाएगा।

अभी तक मक्की का आटा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर मिलता है। हिमाचल के लोग इसे पसंद करते हैं मगर शहरों में आसानी से यह नहीं मिल पाता। इस पर मक्की का आटा भी वो मिलता है, जो कि केमिकल से तैयार की जाती है। मगर अब सरकार पूरी तरह से ऑर्गेनिक और केमिकल रहित मक्की का आटा उपलब्ध करवाएगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *