आवाज़-ए-हिमाचल
29 नवम्बर : सिंधु बॉर्डर पर चल रही किसानों की बैठक खत्म हो गई है। किसान संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।यानी कि किसान अब दिल्ली- हरियाणा के सिंधु बॉर्डर से बुराडी के निराकारी समागम मैदान नहीं जाएंगे किसानों ने कहा है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा।अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं। अमित शाह ने कहा था कि सरकार किसानों से वहां बात करने को तैयार है।
लेकिन किसानों ने इस अपील को ठुकरा दिया है।सिंधु बॉर्डर पर किसानों ने प्रदर्शन तेज करने का आह्वान किया है।किसानों ने कहा है कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं।यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं।किसान संगठनों ने अपील की है कि किसानों के सभी पक्षधर, कारपोरेट विरोधी ताकतें हमारा समर्थन करें।किसान संगठनों का कहना है कि अखिल भारतीय गोलबंदी तेज की जाएगी और 1 दिसम्बर से राज्यों में विरोध आयोजित होगा।
किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगाना बंद कर देना चाहिए। यह मान कर नहीं चलना चाहिए कि वार्ता का अर्थ है कि ‘‘किसानों को इन कानूनों के लाभ समझाए जाएं”. सरकार को सीधे तौर पर बताना चाहिए कि उसके पास क्या समाधान है। किसान अपनी मांगों पर बहुत स्पष्ट हैं।कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के धरने का आज चौथा दिन है।किसान दिल्ली की सीमा पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर डटे हैं।कुछ किसान दिल्ली के निराकारी समागम मैदान में मौजूद हैं।शनिवार को किसानों ने तय किया है कि वे अभी सिंधु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करेंगे और बुराड़ी के निराकारी समागम मैदान में नहीं जाएंगे।