किन्नौर में बाढ़ से दलदल बनी जमीन, कई मकान व सेब के बागीचे तबाह

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आवाज़ ए हिमाचल 

रिकांगपिओ। किन्नौर जिला के लियो व चुलिंग में बादल फटने से कई ग्रामीणों के रिहायशी मकानों सहित सेब के बागीचों को भारी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ की घटना के बाद से ही ग्रामीण एक दूसरे की मदद करने में जुटे हैं। गांव में बाढ़ का इतना इतना अधिक है कि लोग दलदल को आसानी से अब भी पार नहीं कर पा रहे हैं।

बावजूद इसके ग्रामीण किसी न किसी तरह एक दूसरे की मदद में लगे हुए हैं। अकसर कम बारिश वाले ऐसे क्षेत्रों में मंगलवार को मैदानी क्षेत्रों की तरह तेज बारिश को देख ग्रामीणों अब भी दहशत में है।

बता दें कि मंगलवार की इस घटना से लियो निवासी प्यारे लाल, लीला देवी, कपूर, गोपाल सिंह, चन्द्र सिंह, बाबू राम, तिरकल आदि ग्रामीणों के मकान बाढ़ से असुरक्षित हो गए है।

गांव में स्थापित बौद्ध मंदिर को भी बाढ़ से खतरा हो गया है। इसी तरह बाढ़ का मलवा टाशी राम, बाबू राम, लाल सिंह, सोनम रिंगचें, चंद्र लाल, सुशील कुमार, बलबीर, गार्मो, उरगेन, पनमा, दारा सिंह, रिंग्जिन, टाशी, कपूर, नारायण सिंह, राकेश, विमला देवी, पनमा दोर्जे, धर्म देव, राम सिंह, गोटिब छेरिंग, सतीश कुमार आदि कई ग्रामीणों से सेब बगीचों में भी एक एक मीटर से भी अधिक बाढ़ का मलबा घुसने से काफी अधिक नुकसान देखा जा रहा है।

बता दें कि लियो गांव के ग्रामीणों का हांगो में खेत हैं। घटना वाले दिन करीब 100 ग्रामीण खेतों में काम करने के लिए सुबह ही हांगो चले गए थे। शाम की बापिस लियो लौटने से पहले लियो सहित चुलिंग में बादल फटने से यह सभी 100 लोग हांगो में ही फंस गए।

जैसे तहसे हांगो में रात गुजारने के बाद आज सुबह सभी लोग पैदल लियो पहुंचे। लियो संपर्क मार्ग भी कई स्थान पर अवरुद्ध पड़ा है जिसे खोलने का कार्य जारी है। लियो पंचायत प्रधान नामग्याल कुमार ने सरकार व प्रशासन से अपिल की है आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को हर सम्भव सहायता प्रदान करे।

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