पोरबंदर सुदामा की जन्मस्थली है, जबकि सोमनाथ के पास श्रीकृष्ण ने देह त्यागी थी। द्वारका से 13 किलोमीटर दूर शिवराजपुर बीच व 23 किलोमीटर दूर ओखा बीच की सूरत बदलने का प्लान है। जन्माष्टमी (6-7 सितंबर) से द्वारका देवभूमि कॉरिडोर का काम शुरू होगा।
महाकाल लोक की तर्ज पर द्वारका में द्वारकाधीश मंदिर से लेकर बेट द्वारका और ज्योतिर्लिंग नागेश्वर तक सभी मंदिरों को जोड़ा जाएगा। इनमें द्वारकाधीश मंदिर, रुक्मिणी-बलराम मंदिर, सांवलियाजी मंदिर, गोवर्धननाथ मंदिर, महाप्रभु बैठक, वासुदेव, हनुमान मंदिर से लेकर नारायण मंदिर तक शामिल हैं।
द्वारका को जोड़ेगा रामसेतु ‘सिग्नेचर’ ब्रिज
ओखा बीच से बेट द्वारका को जोडऩे वाला सिग्नेचर ब्रिज तैयार हो रहा है। 2320 मीटर लंबे इस फोरलेन ब्रिज को देश का सबसे लंबा केबल स्टे ब्रिज कहा जाता है। इस पर 870 करोड़ रुपए खर्च आ रहा है। सिग्नेचर ब्रिज बनने के बाद पैदल ही बेट द्वारका तक पहुंचा जा सकेगा। अभी नावों के जरिए ही बेट द्वारका तक जाना पड़ता है। इसके साथ ही बेट द्वारका आईलैंड को विश्वस्तर का बनाने की तैयारी है। पहले फेज पर 138 करोड़ रुपए खर्च होंगे।