आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कालका-शिमला फोरलेन पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी की इंजीनियरिंग और वास्तु त्रुटि पर कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव समेत हाईवे अथॉरिटी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है। इस मामले में प्रदेश पुलिस प्रमुख, उपायुक्त सोलन, एसपी सोलन और फोरलेन बना रही कंपनी को प्रतिवादी बनाया है।
मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किए। सलोगड़ा निवासी रवि राय राणा की ई-मेल पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। मेल का शीर्षक जान है तो जहान है, के जरिये अदालत को बताया गया कि इंजीनियरिंग से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। इसके बिना राष्ट्र निर्माण की अपेक्षा नहीं की जा सकती। आज के जमाने में इंजीनियरिंग और वास्तु कला की सख्त जरूरत है। आरोप लगाया गया है कि यदि इंजीनियरिंग और वास्तु कला में जरा सी भी त्रुटि पाई जाती है तो हजारों मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
सलोगड़ा के पास कालका-शिमला फोरलेन के निर्माण में इंजीनियरिंग और वास्तु कला की त्रुटि का आरोप लगाया गया है। फोरलेन को इस तरह से मोड़ दिया गया है कि हर समय जान माल का खतरा बना रहता है। इस त्रुटि के कारण 24 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी है। इसे अगर अभी नहीं सुधारा गया तो आने वाले समय में बड़ा हादसा हो सकता है। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।