आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम,बीबीएन
28 जनवरी।दंडाधिकारी जितेंद्र कुमार की अदालत ने कालका के कांग्रेसी विधायक प्रदीप चौधरी सहित 15 को तीन-तीन साल की सजा व 85-85 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। मामला 31 मई 2011 का है। पुलिस द्वारा बरोटीवाला में ट्रैफिक चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान एक युवक सुच्चा सिंह चेकिंग से बचने के लिए बिजली के खंभों में लगे ट्रांसफार्मर की तारों को पकड़ लिया। इसके बाद पीजीआई चंडीगढ़ में उसकी मृत्यु हो गई। शव को पोस्टमार्टम के बाद जुलूस की शक्ल में बद्दी के रेड लाइट चौक पर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों द्वारा डंडो ,पत्थरों ,रोड से पुलिस पर हमला किया गया साथ ही ट्रैफिक को भी जाम किया। इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। एक सरकारी बस एच पी14A 3176 व एक अन्य सरकारी गाड़ी एच पी12C 5441 को आग के हवाले कर दिया गया था। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कालका के विधायक प्रदीप चौधरी के अलावा महेश कुमार पुत्र रौंकी राम, मलकीत सिंह पुत्र हरबंस सिंह, संजीव कुमार पुत्र करमचंद, संदीप कुमार पुत्र गुरमेल सिंह, भूपेंद्र धीमान पुत्र पूरन चंद, रूपलाल पुत्र सोमनाथ, हिम्मत सिंह पुत्र वीरेंद्र, अवतार सिंह पुत्र दीनानाथ, जीतराम पुत्र, जोगिंदर सिंह पुत्र सोमनाथ, भागचंद पुत्र धनीराम, महेश कुमार पुत्र देशराज ,गुलजार पुत्र साधू ,अमरनाथ पुत्र रंगी राम कर रहे थे। पंचकूला कालका क्षेत्र में के रहने वाले इन तमाम लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया है। सहायक जिला न्यायवादी गौरव अग्निहोत्री के मुताबिक सबूतों और गवाहों के आधार पर दोषियों को आईपीसी की धारा 143 के तहत 6 महीने की सजा व ₹5000 के जुर्माने के आदेश हुए जबकि आईपीएस की धारा 341 के तहत 1 महीने की सजा और ₹10000 जुर्माना इसके अलावा आईपीएस की धारा 148 के तहत 3 साल की सजा व ₹10000 का जुर्माना किया गया है। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 147 के तहत 2 साल की सजा और ₹10000 का जुर्माना अदा करने के आदेश अदालत ने दिए हैं।
इसके अलावा आईपीसी की धारा 324 के तहत 3 महीने की सजा और ₹10000 का जुर्माना हुआ है।धारा 332 के तहत 3 साल की सजा और ₹10000 जुर्माना , आईपीसी की धारा 353 के तहत 2 साल की सजा और ₹10000 जुर्माना ,आईपीसी की धारा 435 के तहत 3 साल की सजा और ₹10000 का जुर्माना व पी डी पी एक्ट की धारा -3 के तहत 3 साल की सजा और ₹10000 का जुर्माना पी डी पी एक्ट धारा – 4 के तहत ₹10000 का जुर्माना अदा करने के आदेश हुए हैं।
सहायक जिला न्याय वादी गौरव अग्निहोत्री ने बताया कि बद्दी थाना में यह मामला 13 जून 2011 को दर्ज हुआ था। मामले की तफ्तीश तत्कालीन थाना प्रभारी कर्म दिन व डीएसपी परवीन धीमान द्वारा की गई थी। एस पी बददी रोहित मालपाणी ने फैसले को सही करार दिया है।