- चामुंडा मंदिर में नवरात्रों से कैनोपी में श्रद्वालुओं को मिलेंगे फूल: डीसी
- फूलों से धूप, गुलाल बनाने की कार्य योजना भी हो रही तैयार
आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, धर्मशाला। कांगड़ा जिला के प्रमुख शक्ति पीठों को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाएगा इस के लिए प्रारंभिक तौर पर चामुंडा मंदिर में प्राकृतिक वस्तुओं, फूलों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस से लेकर नवरात्रों तक विशेष जागरूकता अभियान आरंभ किया गया है।
यह जानकारी उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने देते हुए बताया कि चामुंडा मंदिर में पहले नवरात्र 15 अक्तूबर को प्राकृतिक फूलों की बिक्री के लिए कैनोपी युक्त विक्रय केंद्र की भी शुरूआत की जाएगी ताकि श्रद्वालुओं को प्राकृतिक फूलों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा सके। डा निपुण जिंदल ने कहा कि उन्होंने मंदिर परिसर में गंेदे के फूल की नर्सरी लगाने की शुरुआत भी गई है।
उपायुक्त ने कहा कि श्री चामुंडा माता मंदिर से शुरु किए गए प्लास्टिक मुक्त मंदिर परिसर अभियान के तहत मंदिरों में रखे प्लास्टिक फूलों को असली फूलों से बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि श्री चामुंडा मंदिर से शुरु किए गए इस प्रोजेक्ट को क्रमवार जिले के सभी बड़े मंदिरों में लागू किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ मिलेंगे स्वरोजगार के अवसर
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण अत्यंत जरूरी है तथा इस दिशा में आस्था के केंद्र मंदिरों से शुरूआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक फूलों के उपयोग से एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण मंे मदद मिलेगी वहीं फूलों की खेती से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। डा निपुण जिंदल ने कहा कि मंदिर में उपयोग किए जाने वाले फूलों को एकत्रित कर धूप, गुलाल सहित विभिन्न उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे इसमें भी युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आईएचबीटी पालमपुर के साथ भी इस दिशा में कार्य योजना तैयार की जा रही है।
आम जनमानस की सहभागिता जरूरी
पर्यावरण संरक्षण में आम जनमानस की सहभागिता जरूरी है तथा इस दिशा में मंदिरों के साथ साथ अपने आसपास भी प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है, अगर पर्यावरण साफ और स्वच्छ होगा तो उससे स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। उन्होने कहा कि वर्तमान तथा भविष्य की आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए पर्यावरण की रक्षा करना सभी नागरिकों का दायित्व है।