आवाज़ ए हिमाचल
जसूर (कांगड़ा)। नूरपुर सिविल अस्पताल में प्रतिबंधित दवाइयों को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें नूरपुर और इंदौरा क्षेत्र के कैमिस्टों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर नूरपुर सिविल अस्पताल में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर प्यार चंद ठाकुर ने सरकार की ओर से हाल में की गई 14 प्रतिबंधित दवाइयों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रिगाबालमिन, टेमेपेंटाटोल और गाबापेंटन कॉम्बिनेशन दवाइयों के दुरुपयोग के मामले सामने आए है। उन्होंने दवा कारोबारियों को आगाह करते हुए कहा कि बिना पर्ची के इन दवाइयों को न बेचा जाए।
इसके अलावा इन्सुलिन सिरिंज के हो रहे दुरुपयोग के चलते इसे भी सावधानीपूर्वक बेचने के निर्देश दिए। उन्होंने ने पशुओं के एसिलोफेनक और केटोप्रोफेन कॉम्बिनेशन की दवाइयों के बेचने पर सरकार की ओर से किए गए प्रतिबंध के बारे में भी कैमिस्टों को जागरूक किया। वहीं, उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि शेड्यूल एच वन और एक्स के तहत आने वाली दवाइयों को बिना पर्ची के बिना न बेचा जाए। अगर कोई दवा विक्रेता प्रतिबंधित दवाइयों को बेचता पकड़ा गया तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और भविष्य में नही बनाया जाएगा।
ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि क्षेत्र में बिना लाइसेंस झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा जो मरीजो को स्टीरॉयड आदि देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। इस मौके पर जसूर के दवा पदाधिकारियों सहित नूरपुर और इंदौरा विधानसभा के सैकड़ों कैमिस्ट इस कार्यशाला में मौजूद रहे।