आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को न्यायाधीश अनिल शर्मा पॉक्सो कोर्ट ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी को 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा भी सुनाई है। वहीं, जुर्माना न भरने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा। उपजिला न्यायवादी राजरानी विशिष्ट ने बताया कि 2017 को पीड़िता की माता और भाई ने पुलिस थाना नगरोटा बगवां में शिकायत दर्ज करवाई कि पीड़िता नगरोटा बगवां में कंप्यूटर कोर्स करती है।
जुलाई 2017 को सुबह 10:00 बजे कंप्यूटर सेंटर नगरोटा बगवां गई थी, लेकिन शाम को वापस घर न पहुंची। सभी जगह रिश्तेदारी और पड़ोसियों में पीड़िता को तलाश करने पर भी पीड़िता का पता न चला। कुछ समय बाद पीड़िता की मां को किसी ने बताया कि गांव ऊपरली मेजेटली में रहने वाला एक युवक भी घर से गायब है। पीड़िता के परिजनों ने शक जताया कि वही युवक उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। इस पर पुलिस थाना नगरोटा में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी छानबीन बालम राम की ओर से की गई। आरोपी को नगरोटा बगवां से ही पुलिस ने पकड़ा।
वहीं, इस दौरान पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया कि आरोपी उसे अपने एक दोस्त के घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी की इस बारे किसी को भी न बताए, वरना वह उसे जान से मार देगा। इस मामले में 20 गवाहों को पेश किया गया। इसके अंतर्गत दोषी को पॉक्सो की धारा चार में सात साल की साधारण कैद और 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त कारावास झेलना होगा।