डीसी बोले- जिला-उपमंडल स्तर पर 24 घंटे खुले रहेंगे आपदा कंट्रोल रूम, विभागों में स्थापित हो बेहतर आपसी समन्वय
आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। आगामी मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन से संबंधित तैयारियों की समीक्षा के लिए आज बुधवार को उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। डीसी ऑफिस में आयोजित इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया तथा सभी एसडीएम वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक से जुड़े।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि मानसून सीजन में आपदाओं से निपटने के लिए जिला तथा उपमंडल स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि आपदा से त्वरित प्रभाव से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण भी उपमंडल स्तर पर उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में त्वरित और प्रभावी एक्शन के लिए सभी विभाग बेहतर आपसी समन्वय बनाकर रखें।
डीप डाइविंग कोर्स के लिए जाएंगे एसडीआरएफ के जवान
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि आपदा या अन्य घटनाओं से निपटने के लिए जिले में आपदा प्रबंधन में लगे जवानों का प्रशिक्षण करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जिले के 25 एसडीआरएफ जवानों के लिए पांग क्षेत्र में बेसिक स्विमिंग कोर्स आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रशासन द्वारा इन जवानों को डीप डाइविंग कोर्स के लिए कोलकाता भेजा जाएगा।
जलस्रोतों की हो सफाई और डीसिल्टिंग
उपायुक्त ने कहा कि आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व जिले के सभी क्षेत्रों में ब्लॉक और शहरी निकायों के माध्यम से नदी, नालों, कुहलों, चेक डैम और अन्य प्राकृतिक जलस्रोतों की डीसिल्टिंग और साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए।
30 जून से पूर्व हो आपदा मित्रों की ओरिएंटेशन
डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले भर में प्रशासन द्वारा तैयार किए गए आपदा मित्रों की ओरिएंटेशन की जाए। उन्होंने कहा कि आपदा मित्र के अलावा बहुत से स्वयंसेवियों ने भी प्रशासन के पास अपने नाम आपदा के समय में सहयोग देने के लिए दिए हैं। उन्होंने कहा कि 30 जून से पूर्व उपमंडल तथा तहसील स्तर पर इस सभी स्वयंसेवियों से मिलकर अधिकारी इनकी ओरिएंटेशन सुनिश्चित करें।
जिले भर में की गई जेसीबी मशीनों की मैपिंग
उपायुक्त ने बताया कि आपात स्थिति में उपयोग में आने वाली सभी मशीनरी प्रशासन के पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में जेसीबी की सबसे ज्यादा आवश्यकता रहती है। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा जिलाभर में सरकारी और निजी क्षेत्र में उपलब्ध जेसीबी और अन्य जरूरी मशीनों की मैपिंग कर ली गई है, जिन्हें कभी भी उपयोग में लाया जा सकता है।
सक्षम सूचना तंत्र हो विकसित
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसातों के मौसम से पूर्व पूरे जिले में लोगों तक इससे संबंधित सूचनाओं और संदेशों को पहुंचाने का मजबूत सूचना तंत्र तैयार कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी नियमित तौर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनमानस मौसम को लेकर पहले से अलर्ट रहें। उन्होंने कहा कि जिले में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में पूर्व चेतावनी की प्रणाली को स्थापित किया गया है।
सचेत ऐप का करें उपयोग
उपायुक्त ने कहा कि आगामी बरसात के मौसम में सभी विभाग और लोग सचेत एप का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा विकसित किया गया ‘सचेत’ एप स्थानीय स्तर पर आपदा से संबंधित सटीक सूचना नियमित अंतराल पर दी जाती है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी एवं चेतावनियां समय पर उपलब्ध होती हैं और किसी स्थान विशेष में आपदा के समय क्या करें अथवा न करें, ऐसे निर्देश भी मिलते हैं।
राहत कैंप के लिए पूर्वनिर्धारित हो स्थान
डॉ. निपुण जिंदल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बारिश के मौसम में बाढ़ तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के पास राहत कैंप लगाने के लिए भी प्रशासन और विभाग पहले से स्थान निश्चित करके रखें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय तुरंत प्रभाव से स्थान चुनना और वहां व्यवस्थाएं करना कठिन होता है इसलिए रीलिफ कैंप के लिए स्थान पहले से निर्धारित हों।
विभाग रखें अपनी पूरी तैयार
उपायुक्त ने सभी विभागों को आपदा के समय में अपन विभाग से संबंधित पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने को कहा। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी पेयजल भंडारण टैंकों की सफाई तथा पानी की क्लोरीनेशन किया जाए ताकि लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध हो सके और जलजनित रोगों से भी बचाव किया जा सके। उन्होंने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का दो माह का भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने आपदा संभावित क्षेत्रों में विभागों को पहले से आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, दवाईयां, आदि के स्टॉक रखने के निर्देश दिए। इससे पहले प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने शिमला से वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से आपदा प्रबंधन को लेकर कांगड़ा जिले की तैयारियों का जायजा लिया। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने उन्हें जिला प्रशासन द्वारा पूर्व तैयारी के तौर पर किए गए प्रबंधों से अवगत कराया।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर एडीएम रोहित राठौर, सीएमओ सुशील शर्मा, सहायक आयुक्त नगर निगम पृथीपाल सिंह, उपनिदेशक कृषि राहुल कटोच सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी एसडीएम उपस्थित रहे।