कांग्रेस सरकार शराब माफिया के दबाव में कर रही काम, नशे के खिलाफ अभियान एक नौटंकी: रणधीर शर्मा

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कहा भारतीय जनता पार्टी का आरोप है की वर्तमान कांग्रेस सरकार शराब माफिया के दबाव में काम कर रही है। मार्च महीने के बाद हिमाचल प्रदेश में अनेकों नई जगहों पर शराब के ठेके खुल रहे हैं, कई जगह पंचायतों के एनओसी लिए बिना भी शराब के ठेके खुले हैं। इस ठेकों का वहां की जनता विशेषकर महिला मंडल जबरदस्त विरोध कर रही हैं, परंतु जब प्रशासन से बात होती है तो वह कहते हैं की यह शराब के ठेके नहीं सब ठीक हैं और इनके लिए पंचायतों की एनओसी की आवश्यकता नहीं है।

इस तरह के जो नियम वर्तमान सरकार ने बनाए हैं यह पूर्ण रूप से शराब माफिया को लाभ देने के लिए है, इसकी भारतीय जनता पार्टी कड़ी निंदा करती है। इन अनुचित नियमों की आड़ में शराब के ठेकेदारों ने जगह-जगह शराब के ठेके और अहाते खोलना शुरू कर दिए हैं, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश की स्वरूप और भावना बिगड़ रही है।

भाजपा का मानना है की वर्तमान कांग्रेस सरकार वैसे तो नशे के खिलाफ अभियान चला रही है, जिसका भारतीय जनता पार्टी समर्थन करती है। परंतु दूसरी तरफ यह सरकार शराब माफिया के दबाव में काम कर रही है, सबको तो यह भी लग रहा है कि नशे के खिलाफ इनका अभियान एक नौटंकी तो नहीं है। कहीं यह नशे के खिलाफ अभियान सच में नौटंकी बनकर ना रह जाए, इसलिए भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शराब माफिया को संरक्षण ना दे और जिस प्रकार से जगह-जगह ठेके खुल रहे हैं चाहे नेशनल हाईवे की बात करो या पंचायतों की।

मनाली फोरलेन का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ

आप हैरान होंगे कि किरतपुर मनाली फोरलेन का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ है और अभी उस फोरलेन पर चाय की दुकानें भी नहीं है। परंतु शराब के ठेके खुल चुके हैं, एक फोरलेन पर जगह-जगह शराब के ठेके बड़ी संख्या में खुले है।

भाजपा पूछना चाहती है कि क्या यह ठेके नियमों के तहत खुले हैं? परमिशन लेकर खुले हैं? हमारी मांग है कि सरकार इस सभी ठेकों की जांच करे और जो हिमाचल प्रदेश में शराब को लेकर पॉलिसी बनी है उसको सख्ती से लागू करना चाहिए।

कई शराब के ठेकेदार सरकार को दे रहे धोखा

ऐसा भी हमारे समक्ष आया है कि कई शराब के ठेकेदार सरकार को धोखा दे रहे हैं और पैसे बचाने का कार्य कर रहे हैं। नई एक्साइज पॉलिसी के अंतर्गत जिन लोगों को ठेके मिले हैं वह समय पर अपनी फीस भी डिपाजिट नहीं कर रहे हैं इसकी भी सरकार इंक्वायरी करें। ठेकेदार अपने पुराने टेंडर के पैसे ना भर के अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी नए टेंडर ले चुके है, सरकार को इसकी भी उचित जांच करनी चाहिए।

कई स्थानों पर ऑडिट के समय फर्जी पास भी ठेकेदारों द्वारा प्रेषित किए गए है और जब शिकायत होती है और केस फिर से खुलते हैं तो सच्चाई सामने आती है। ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं सरकार शराब माफिया को संरक्षण देने का काम भी करती है।

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