आवाज़ ए हिमाचल
ऊना। जिला ऊना में विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस ने 29 साल बाद इतिहास दोहराते हुए पांच में से चार सीटों पर जीत दर्ज की है। जिला ऊना ने पिछले पांच विधानसभा चुनावों में सत्ताधारी दल के पक्ष में तीन विधानसभा सीटें जीतने के क्रम को भी इस बार तोड़ा है तथा 1993 के बाद एक बार फिर से कांग्रेस ने जिला में पांच में से चार सीटों पर जीत दर्ज कर पाने मेंं सफलता पाई है। भाजपा के लिए इस बार चुनावों में सबसे बड़ा झटका कुटलैहड़ के अभेद दुर्ग का ढह जाना रहा है। यहां से भाजपा के दिग्गज नेता व जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे वीरेंद्र कंवर चुनाव हार गए है। वीरेंद्र कंवर लगातार पांचवी बार चुनाव मैदान में उतरे थे तथा चार बार जीत दर्ज कर चुके थे,लेकिन इस बार उनका पांचवीं बार जीतने का सपना चूर-चूर हो गया तथा कांग्रेस के नए प्रत्याशी व किसी समय वीरेंद्र कंवर के ही चेले रहे देवेंद्र कुमार भुट्टो ने उन्हें 7570 मतों से पटखनी दे डाली। इस बार भाजपा ऊना विस क्षेत्र के अपने दुर्ग को पुन:जीत पाने में सफल रही है। यहां पर पिछली दफा हार का स्वाद चखने वाले सतपाल सिंह सत्ती ने वापसी करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को 1736 मतों से हरा कर जिला ऊना में भाजपा की लाज रख ली।
कांग्रेस ने इस बार भाजपा से गगरेट व चिंतपूर्णी विस सीटें छीन ली। जबकि कांग्रेस हरोली के अपने मजबूत किले को अवैध दुर्ग में परिवर्तित करने में कामयाब रही। यहां पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री लगातार पांचवीं जीत दर्ज करने में सफल रहे है। इस बार भी विधानसभा चुनावों में जिला के मतदाताओं ने तीसरे विकल्प को पूरी तरह से नकार दिया। जिला में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़ अन्य कोई भी अपनी जमानत तक न बचा पाया। जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में आप व बसपा सहित आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर में उतरे 16 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। कुटलैहड़ विस क्षेत्र में कांग्रेस ने जीत के सूखे को समाप्त करते हुए इस बार कामयाबी हासिल की है। गगरेट विस क्षेत्र में कांग्रेस के चैतन्य शर्मा ने भाजपा के मौजूदा विधायक राजेश ठाकुर को 15685 मतों के बड़े अंतर से हराकर सनसनी फैला दी।