कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का निदेशक मंडल निलंबित, प्रशासक नियुक्त

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आवाज ए हिमाचल

12सितम्बर।हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक धर्मशाला के निदेशक मंडल को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। बिगड़ती प्रशासनिक स्थिति, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और नाबार्ड के कानूनी दिशा-निर्देशों की अनदेखी पर रजिस्टार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने यह कार्रवाई की है और मंडलायुक्त कांगड़ा विनोद कुमार को प्रशासक नियुक्त कर दिया है। शासन संकट और प्राकृतिक आपदा की आपात स्थिति के बीच बैंक की एक अगस्त से शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया है। बैंक के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया सहित 20 निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब देने को भी कहा गया है।हिमाचल प्रदेश सहकारी समितियां अधिनियम 1968 की धारा 37 के तहत बैंक के निदेशक मंडल के मौजूदा सदस्यों के खिलाफ वैध निर्देशों की लगातार अवज्ञा करने पर कार्रवाई की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और रजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय ने बोर्ड के सदस्यों के आचरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वित्तीय अनियमितताओं, शासन संकट, कुप्रबंधन सहित इसमें कथित चूक और कमीशन के आरोप भी लगाए गए हैं। अब इन्हें धारा 37(1)(ए) के तहत पद से हटाए जाने और धारा 37(6) के तहत भविष्य के चुनावों से अयोग्य ठहराए जाने का सामना करना पड़ सकता है।

पंजीयक की ओर से जारी नोटिस के अनुसार वर्ष 2015-16 से लेकर वर्ष 2024 तक नाबार्ड की निरीक्षण रिपोर्टों में लगातार गंभीर वित्तीय अनियमितताएं, कुप्रबंधन और कानूनी उल्लंघन सामने आए हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर वर्तमान बोर्ड की कार्यप्रणाली को बैंक के जमाकर्ताओं के हितों के लिए घातक और अपारदर्शी बताया गया है। पंजीयक ने कहा कि बोर्ड के सदस्यों ने बार-बार चेतावनी और निर्देशों की अनदेखी की है। नाबार्ड की ताजा निरीक्षण रिपोर्ट (31 मार्च 2024 की स्थिति के अनुसार) में गंभीर चिताएं जताई गई थीं, जिन पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे में न केवल बैंक की साख, बल्कि जमाकर्ताओं की जमा पूंजी भी खतरे में है।चेयरमैन समेत 20 सदस्यों को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि वे 10 दिनों के भीतर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करें, अन्यथा माना जाएगा कि उनके पास बचाव में कुछ कहने को नहीं है। इसके बाद कानूनन कार्रवाई कर उन्हें पद से हटाने और भविष्य में किसी सहकारी समिति के चुनाव के लिए अयोग्य घोषित किए जाने पर विचार किया जाएगा।वर्तमान में बोर्ड निदेशक के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी। अब नए चुनाव तभी कराए जाएंगे जब प्रदेश में बाढ़ और बारिश की स्थिति सामान्य हो जाएगी या वर्तमान निदेशक मंडल के विरुद्ध चल रही कार्यवाही पूरी हो जाएगी। राज्य सरकार ने 1 सितंबर को हिमाचल को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले बैंक के संचालन क्षेत्र में आते हैं, जो भारी बारिश और बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। मौजूदा हालात चुनावी प्रक्रिया के लिए यहां अनुकूल नहीं हैं, लिहाजा अगला चुनाव उपयुक्त समय पर ही कराया जाएगा।बैंक के चेयरमैन समेत बीओडी के निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। कुलदीप सिंह पठानिया बैंक के चेयरमैन हैं, जबकि प्रेम लता ठाकुर, करनैल सिंह, रणजीत सिंह राणा, आत्म प्रकाश, हितेश्वर सिंह, करण सिंह, लेख राज, पवन कुमार, बलवंत सिंह, चम्पा छेरिंग, चंद्र भूषण नाग, देश राज ठाकुर, कुलबिंदर राणा, प्रीतम सिंह, राजीव कुमार महाजन, वीरेंद्र गुलेरिया, मोती जोशी, सुनील कुमार और भरत भूषण मोहिल बोर्ड निदेशक हैं।

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