आवाज़ ए हिमाचल
कांगड़ा। पहली जुलाई को प्रगति मैदान दिल्ली में 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा, जिसकी मेज़बानी इफक़ो द्वारा की जा रही है। महासम्मेहलन की अध्यक्षता माननीय केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा की जाएगी, जबकि सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण इफको के यूट्यूब चैन के माध्यम से सुबह 11 बजे से देखा जा सकेगा। महासम्मेलन के उपलक्ष्य पर इफको द्वारा कांगड़ा जिला के विभिन स्थानों पर भी किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किसानों को दिखाया जाएगा एवं इफक़ो के नैनो उर्वरकों के लाभ एवं इस्तेमाल बारे में भी प्रोत्साहित किया जाएगा। नैनो डैप (तरल) एवं नैनो यूरिया तरल फसल की पैदावार बढ़ाने और पारंपरिक यूरिया एनपीके (12:32:16) एवं डैप खाद के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करके किसानों की आय में सुधार करने में अहम् भूमिका रखेगा । एक बोतल इफको नैनो डैप (तरल) की किसानों को 600 रुपए वहीं नैनो यूरिया की एक बोतल 225 रुपए में अपनी नज़दीकी सहकारी समिति के माध्यम से उपलब्ध होगी, जो की पारंपरिक यूरिया एनपीएके/डैप खाद की खपत को लगभग आधा कर देगी।
इफको नैनो डैप नैनो टेक्नोलॉजी से निर्मित एक अनोखा उत्पाद है, जो कि बीज/जड़ उपचार एवं पोधो के ऊपर छिडक़ाव कर के इस्तेमाल किया जाता है और ये पारंपरिक एनपीके/डैप की तुलना में ज़्यादा प्रभावशाली उत्पाद है और पर्यावरण हितैषी भी। पारंपरिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से कारण होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए नैनो ष्ठ्रक्क एक बेहतर विकल्प है। किसी भी फैक्टाी में बोरी वाली पारंपरिक एनपीके/डैप खाद को बनाने की लागत लगभग 3500 रूपए आती है जिस पर भारत सरकार द्वारा किसानो को लगभग 2000 रूपए का अनुदान दिया जाता है और इसी कारण किसानो को ये खादें 1470 रूपए में प्राप्त होती है। वर्तमान में भारत सरकार पर उर्वरकों पर दिए जाने वाले अनुदान का लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए का बोझ है, जिसे आने वाले समय नैनो यूरिया एवं नैनो डैपा के माध्यम से काम करने का लक्ष्य भारत सरकार एवं इफको द्वारा साधा गया है।