आवाज ए हिमाचल
26 जनवरी। प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के कपाट 27 जनवरी को खुल जाएंगे। शिक्षा विभाग के नए आदेशों के अनुसार प्रार्थना सभाओं से लेकर कैंपस में किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं होगी। इसके साथ ही स्कूल प्रिंसीपल को 27 जनवरी को कक्षाओं का प्लान तैयार कर निदेशालय भेजना होगा। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से जवाब तलब किया है कि अभी तक मास्टर प्लान निदेशालय क्यों नहीं भेजा है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने स्कूलों को रिमाइंडर जारी कर दोटूक कहा है कि छात्रों की कक्षाएं रेगुलर शुरू होने से पहले प्लानिंग का पूरा प्रोपोजल बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि अभी तक हिमाचल के 15 हजार ग्रीष्मकालीन स्कूल के प्रिंसीपल ने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट नहीं दी है। हालांकि शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रिंसीपल को अधिकृत किया है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग में छात्रों को अपने तरीके से स्कूलों में बुला सकते है। इसके साथ ही किसी स्कूल में छात्रों की संख्या ज्यादा है, तो ऐसे में नॉन बोर्ड को नियमित रूप से न लगाकर वैकल्पिक दिवस पर बुलाया जा सकता है। इसके अलावा बोर्ड छात्रों की कक्षाएं रूटीन में बुलाना अनिवार्य किया गया है। बता दें कि नौ माह बाद अब पहली फरवरी से प्रदेश के स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही शिक्षकों व अन्य स्टॉफ को सेनेटाइजेशन के लिए 27 फरवरी से नियमित तौर पर आना होगा।
वहीं 5वीं व आठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की स्कूलों में आकर कक्षाएं लगाई जाएंगी। अहम यह है कि पहली फरवरी से प्रदेश के आईटीआई, इंजीनियरिंग कालेज, पोलटेक्निक कालेजों के अलावा दूसरे शिक्षण संस्थान भी खुल जाएंगे। इसके साथ ही 15 फरवरी से विंटर क्लोजिंग स्कूलों में भी शिक्षक व छात्रों को आना होगा। विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 12 फरवरी तक अवकाश रहेगा, वहीं 13 व 14 फरवरी को सरकारी अवकाश है। हालांकि सरकार ने पहले चरण में 5वीं और आठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा अभी की है। इसके साथ ही प्रदेश में आठ फरवरी के बाद कॉलेज भी खुल जाएंगे। फिलहाल प्राइवेट व सरकारी स्कूलों को कोविड – 19 की गाइडलाइन का पालन करने के लिए पहले से ही व्यवस्था करनी होगी।
पहली से चौथी और छठी-सातवीं की नहीं लगेंगी कक्षाएं
बता दें कि प्रदेश में अभी पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी, छठी, सातवीं छात्रों की फिजिकली कक्षाएं नहीं लगेंगी। इन कक्षाओं के छात्रों की हर घर पाठशाला के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। बताया जा रहा है कि स्कूलों में छात्रों की हाजिरी को फिलहाल अनिवार्य नहीं किया जाएगा। अगर अभिभावक व छात्र अभी भी संक्रमण को लेकर डर रहे हैं, तो उनका आना अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने यह प्लानिंग तैयार की है कि केवल दसवीं व जमा दो के छात्रों को ही स्कूल में आना जरूरी किया जाएगा।
स्कूलों में दो गज की दूरी रखना चुनौती
प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में दो गज की दूरी बनाना मुश्किल हो जाएगा। राज्य के कई सरकारी स्कूलों में एक ही कक्षा में 100 से 200 छात्र भी हैं। ऐसे में इन छात्रों को एक क्लासरूम के बीच सोशल डिस्टेंसिंग कैसे रखनी है, यह बड़ा सवाल है। फिलहाल सरकार ने कोविड -19 की सभी गाइडलाइन का पालन करने के लिए स्कूलों मैनेजमेंट को ही जिम्मा दिया है।