आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश सरकार की ओर से भंग किए जा चुके हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में बीते तीन साल में करीब 300 परीक्षाएं हुई हैं। गड़बड़ी की आशंका के चलते विजिलेंस ने इन सभी परीक्षाओं की जांच शुरू कर दी है। आयोग में तैनात रहे 55 अधिकारियों व कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। जेओए आईटी पेपर लीक मामला सामने आने के बाद विजिलेंस ने अन्य पेपरों की जांच आगे बढ़ा दी है। आयोग में हुईं गड़बड़ियों की पूरी रिपोर्ट विजिलेंस प्रदेश सरकार को भेजेगी।
जेओए आईटी के साथ कला अध्यापक और जूनियर ऑडिटर की भर्ती परीक्षा के भी पेपर लीक हुए हैं। जांच के दौरान विजिलेंस जैसे-जैसे आगे कड़ियां जोड़ती जा रही है, अन्य परीक्षाओं में भी गड़बड़ियों के खुलासे होते जा रहे हैं। विजिलेंस का मानना है कि यह गोरखधंधा एक नहीं, बल्कि कई सालों से चल रहा है। अब तक जेओए आईटी पेपर लीक मामले में आठ लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है।
इसमें आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक रही उमा आजाद, उसके दो बेटे नितिन और निखिल, दलाल संजीव कुमार, उसका भाई शशिपाल, दो अभ्यर्थी तनु व अजय शर्मा और एक अन्य आरोपी नीरज कुमार शामिल है। भर्ती परीक्षाओं के संचालन का जिम्मा आयोग के सचिव पर रहता था। पूर्व सचिव भी शक के दायरे में है। ऐसे में सचिव के खिलाफ भी विजिलेंस कोर्ट में अनुपूरक चालान पेश करेगी।
जेओए आईटी पेपर लीक के बाद हो रहे खुलासे
कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 25 दिसंबर, 2022 को पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद जांच में कई खुलासे हो रहे हैं। गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक रही उमा आजाद को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस ने जांच तेज की है। गौर हो कि जेओए आईटी के 300 से अधिक पद भरने के लिए आयोग ने एक लाख तीन हजार अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किए थे। सभी जिलों और 41 उपमंडलों में 476 परीक्षा केंद्र बनाए थे। पेपर लीक होने पर परीक्षा रद्द की गई।