आवाज़ ए हिमाचल
सोलन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने उप मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा किया है। इसके लिए वह कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने उनसे मिलने का समय मांगा है। धनीराम शांडिल ने जातीय समीकरण को आधार बनाया है। अब यह देखना दिलचस्प हो गया है कि कांग्रेस हाईकमान छोटे से राज्य में दो उप मुख्यमंत्री बनाने को तैयार होती है या नहीं, लेकिन वह सोमवार से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
कर्नल धनीराम शांडिल पार्टी के दलित चेहरे के साथ पूर्व सैनिक हैं। हिमाचल को सेना में सेवा दे रहे जवानों व पूर्व सैनिकों के कारण ही वीरभूमि के नाम से भी जाना था। यही वजह है कि कर्नल धनीराम शांडिल उप मुख्यमंत्री पद के लिए अड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री शपथ के साथ पदभार भी ग्रहण कर चुके हैं, लेकिन शांत रहने वाले कर्नल धनीराम शांडिल के कड़े तेवरों ने नई परेशानी खड़ी कर दी है क्योंकि अभी तक मंत्रिमंडल फाइनल नहीं हो रहा है। नई सरकार में उनका मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था क्योंकि उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज करना भी काफी मुश्किल है। वह दो बार सांसद रहने के साथ-साथ लगातार 3 बार विधायक बने हैं। उन्हें कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में जाना जाता है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ कर्नल धनीराम शांडिल का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में था लेकिन प्रदेश में परिस्थितियां ऐसी बनी कि अब उन्हें मंत्री पद के लिए भी लॉबिंग करनी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के गठन को लेकर अभी तक के घटनाक्रम से कर्नल शांडिल नाराज चले हुए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मीटिंग से भी वह दूर रहे। अब देखना है कि कर्नल धनीराम शांडिल अपने मिशन में कामयाब होते हैं या नहीं।