आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने मुल्क और मजहब के आधार पर पैदा हुए भेदभाव को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि दया और करुणा का भाव हमें जन्म के साथ स्वभाव वश ही मिला है। मगर स्कूल में दाखिला लेने के साथ ही हममें हमारा मुल्क उनका मुल्क, हमारा मजहब उनका मजहब का भेदभाव पैदा होने लगता है। दुनिया में मुसीबतें पैदा करने का यह बड़ा कारण है। दलाईलामा फ्रांस के चार सदस्यीय सीनेट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह बातचीत कर रहे थे। दलाईलामा ने कहा कि हम सबको मिलकर विचार करना होगा कि किस प्रकार से एक स्वाभाविक रूप से शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
सिर्फ मेरा ही मुल्क या मेरा ही मजहब जैसी संकीर्ण मानसिकता ही आज की तमाम समस्याओं की जड़ है। ऐसे में आज समय आ गया है कि हम केवल मानवता के बारे में सोचें। उन्होंने कहा कि सुबह उठने के साथ ही मेरे मन में आठ अरब लोगों की खुशी का विचार आता है। हम सभी को खुश जिंदगी चाहिए। इसके लिए सबको मिलकर प्रयास भी करने होंगे। प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को सुबह धर्मगुरु दलाईलामा के साथ मुलाकात की है। दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल में सीनेटर जैकलीन यूस्टैच-ब्रिनियो, सीनेटर एल्स जोसेफ, सीनेटर ओलिवियर रीटमैन और सीनेट में सिविल सर्वेंट थिएरी मुनियर शामिल थे। प्रतिनिधियों ने विभिन्न तिब्बती शैक्षिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक संस्थानों का दौरा भी किया।