आवाज ए हिमाचल
18 जनवरी:लगभग 173 दिन से शिमला के कालीबाड़ी के पास बर्षा शालिका में भूख हड़ताल पर बैठे करुणामूलक संघ की कोई सुधबुध न लिए जाने पर संघ ने सरकार की कटु आलोचना की है ।
सघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि 173 दिनों के इस संघर्ष में सरकार कभी भी करुणामूलक आश्रितों का हाल जानने बर्षाशालिका में पहुंची तक नही है जबकि 2017 में करुणामूलक परिवारों का सरकार बनाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है, लेकिन इस योगदान के बाद सरकार नें सवा चार साल से करुणामूलक परिवारों को दरकिनार ही किया है ।
अजय कुमार का कहना है कि अब करुणामूलक परिवारों को हल्के में न लिया जाए । अगर सरकार को विधान सभा में करुणामूलक परिवारों के वोट चाहिए तो आगामी कैबिनेट में करुणामूलक नोकरियाँ बहाल कर दे, वरना अब की बार जमानत भी जब्त हो जायेगी ।
उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार जल्द करुणामूलक आश्रितों को एक साथ नियुक्तियाँ नही देती है तो जल्द करुणामूलक संघ “मिशन जमानत जब्त” पर काम करना शुरू कर देगा ।