आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा,नूरपुर
03 अगस्त । फोर लेन संघर्ष समिति नूरपुर की बैठक भड़वार में समिति के अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमे तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।फोरलेन संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने बताया कि सभी ने एक मत से भू अधिग्रहण अधिकारी नूरपुर द्वारा अपनाई गई तमाम औपचारिकताओ को एनएचएआई प्राधिकरण को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सरकार से नूरपुर में प्रथम चरण कंडवाल से लेकर सिहूनी तक 3781 परिवारों को चिन्हित करने में मुआवजा राशि भुगतान हेतु दोहरी नीति को अपनाया गया और कम मुआवजा राशि का मूल्यांकन का निर्धारण किया जो कि सरासर एक पक्षिय धोखा है।भू अधिग्रहण अधिकारी /एसडीएम नूरपुर से प्रथम चरण हेतु एनएचएआई प्राधिकरण द्वारा 64 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण करने की मांग की गई थी।
जबकि भू अधिग्रहण अधिकारी द्वारा बहुत ही चतुराई से 34 हेक्टेयर भूमि की डीपीआर, एलएपी, बना कर मुआवजा राशि भुगतान हेतु तैयार किया गया जो कि सरासर ग़लत हैं।जिसका मूल्यांकन निर्धारण कम था। जबकि उसी मुहाल की दूसरे पार्ट का हिस्सा उसी उद्देश्य के लिए एक ही महीने के अंतराल में उसी अधिकारी द्वारा आधिकारिक पुष्टि करते हुए एक मरले का प्रथम चरण का निर्धारण कंडवाल मुहाल में दस हज़ार प्रति मरला था। लेकिन एक ही माह के अंतराल में कंडवाल में कोन सा पैरामीटर हाथ में आ गया कि उसी भूमि अधिग्रहण का उसी उद्देश्य हेतु एक लाख प्रति मरला निर्धारण हो जाता है या तो प्रथम चरण में निर्धारण गलत हुआ या दूसरे चरण में निर्धारण उचित हुआ।
ऐसी कई खामियां है जिसमे प्रत्येक पीड़ित परिवार दुखी है।सुदर्शन शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए प्रशासन को अति शीघ्र भवनों का मुआवजा राशि का निर्धारण तत्कालीन जिला उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए 59000,47000,42000,दस वर्ष,पंद्रह वर्ष,पच्चीस वर्ष के हिसाब से प्रति स्क्वेयर मीटर किया था,उससे कम भवन मुआवजा राशि भुगतान नामंजूर है।अन्यथा सरकार द्वारा किसी भी ऑथोरिटी को निजी संपति में सड़क निर्माण कार्य हरगिज आरंभ नही करने देंगे।