आवाज ए हिमाचल
11 जून। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी स्थित फार्मा उद्योग के खिलाफ पुलिस ने डिप्टी ड्रग कंट्रोलर की अगवाई वाली कमेटी की शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई फार्मा कंपनी द्वारा नशे के लिए दुरुपयोग होने वाले एटिज़ोलम साल्ट का रिकॉर्ड बनाने में विफल रहने पर की गई है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर की अगवाई वाली टीम ने पांच जून को बद्दी स्थित मैग्नाटेक इंटरप्राईजिज उद्योग का निरीक्षण किया था।
जांच के दौरान पाया गया कि कंपनी के स्टाक रजिस्टर में 300 ग्राम एटिजोलम सॉल्ट की एंट्री हुई थी, लेकिन कमेटी ने जब जांच की तो 113 ग्राम सॉल्ट ही स्टॉक में पाया गया, जबकि बचे हुए 187 ग्राम सॉल्ट के संर्दभ में कंपनी प्रबंधन बिक्री, खरीद, दवा उत्पादन व विपणन का कोई भी रिकॉर्ड पेश नहीं कर पाया। इस पर कंपनी प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। छह जून को डिप्टी ड्रग कंट्रोलर की अगुवाई वाली टीम ने दोबारा उक्त उद्योग का दौरा किया और छानबीन में यह भी पाया गया कि एटिजोलम से संबंधित दवाईयों की मार्केटिंग जीरकपुर और मुंबई की कंपनियों द्वारा की गई, इन दोनों फर्म के साथ एग्रीमेंट का भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया जा सका है जबकि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत एंग्रीमेंट अनिवार्य है। एसपी बद्दी रोहित मालपानी ने पुष्टि करते हुए कहा कि ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन की एक टीम ने मैग्नाटेक एंटरप्राइजेज का निरिक्षण कर एक शिकायत पुलिस को सौंपी है, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।