आवाज ए हिमाचल
फतेहपुर। यदि जयराम सरकार ने चुनाव आचार संहिता से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाल नहीं की तो भाजपा का मिशन रिपीट का सपना कभी पूरा नहीं होगा तथा राज्य के पूर्व व वर्तमान कर्मचारी मिशन रिपीट को डिफीट में भड़क देंगे।
यह ऐलान करते हुए न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजीव गुलेरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी जिम्मेदारी से बच कर भाग नहीं सकते तथा उन्हें कर्मचारी हित में ओपीएस बहाल करने का निर्णय लेना ही होगा।
गुलेरिया ने कहा कि एमओयू 2003 में साइन नहीं किया गया था, मुख्यमंत्री सरासर झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि एमओयू 22 मार्च 2010 को हिमाचल सरकार और एनपीएस ट्रस्ट में साइन किया गया था तथा उस वक्त किस पार्टी की सरकार थी, मुख्यमंत्री को यह मालूम होना चाहिए।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था पश्चिम बंगाल में कभी भी बंद नहीं हुई। राजस्थान, झारखंड तथा छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी है और आंध्रप्रदेश सरकार ने भी शीघ्र पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की आवश्यकता को देखते हुए कार्मिक विभाग को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह पांच राज्य जो भारतवर्ष के अंग हैं, पुरानी पेंशन व्यवस्था कर्मचारी वर्ग को बहाल कर सकते हैं तो जयराम ठाकुर की भाजपा सरकार क्यों नहीं कर सकती? गुलेरिया ने कहा कि अगर कर्मचारियों अधिकारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल नहीं करनी है तो जयराम सरकार अपने विधायकों व मंत्रियों के भत्ते व पेंशन भी बन्द करे।