आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) देने से पहले हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें नई पेंशन योजना (एनपीएस) अंशदान के तहत संग्रह किए गए पैसे को वापस मांगा है। बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पेंशनधारकों को नियमित और सम्मानजनक पेंशन मिले, इसके लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर एनपीएस अंशदान के तहत संग्रह राशि का भुगतान करने के लिए कहा है। सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मालूम रहे कि कांग्रेस ने सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में ओपीएस लागू करने का फै सला लिया है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को शिमला में एनपीएस कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। सीएम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अनावश्यक व्यय किया और अपने कार्यकाल के अंत में 900 से अधिक संस्थान खोले। इससे वार्षिक 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पडे़गा। इस अवसर पर कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र मनकोटिया ने भी सुझाव दिए।
पीएफआरडीए को प्रतिवर्ष 1,632 करोड़ का योगदान दे रहे कर्मचारी
एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि राज्य में ओपीएस लागू करने के प्रदेश सरकार के निर्णय के लिए कर्मचारी कृतज्ञ रहेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार और पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को प्रतिवर्ष 1,632 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं।