आवाज़ ए हिमाचल
नालागढ़। एशिया की सबसे बड़ी ट्र्रक ऑप्रेटर यूनियन नालागढ़ के प्रधान विद्यारत्न चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में सेहत ठीक न रहने का हवाला दिया है। वीरवार को हुई यूनियन की बैठक में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। जब तक नया अध्यक्ष नहीं बनता है तब तक वह अध्यक्ष का कार्य अपने घर से ही करते रहेंगे। वीरवार को ट्रक यूनियन की बैठक हुई जिसमें विद्यारत्न की ओर से सौंपे गए इस्तीफे को लेकर चर्चा की गई। यूनियन के महासचिव जगदीश चंद ने बताया कि बैठक में चर्चा के बाद त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। साथ ही सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव डाला गया है कि जब तक नया अध्यक्ष नहीं बनता है तब तक यूनियन के चैक आदि पर विद्यारत्न चौधरी के हस्ताक्षर होते रहेंगे।
पिछले 3 दशकों से कर रहे ट्रक यूनियन की सेवा
विद्यारत्न चौधरी का परिवार पिछले 5 दशकों से यूनियन के साथ जुड़ा हुआ है। उनके दादा विष्णु राम भी यूनियन के प्रधान रह चुके हैं। वर्ष 1993 में विद्यारत्न चौधरी उपप्रधान बने, 1999 में महासचिव। वर्ष 2014 में ज्ञान चंद के निधन के बाद उन्हें सर्वसम्मति से प्रधान बनाया गया था। तभी से वह यूनियन को अपनी सेवाएं दे रहे थे। पिछले कुछ समय से उद्योगपति और ट्रक संचालकों में पनपा गतिरोध भी चौधरी विद्यारत्न की सूझबूझ से समाप्त हो पाया है। अब किसी प्रकार का टकराव ट्रक संचालकों और उद्योगपतियों में नहीं रहा है।
यूनियन में 10 हजार से अधिक ट्रक
बता दें कि एशिया की सबसे बड़ी नालागढ़ ट्र्रक आप्रेटर यूनियन में 10 हजार से अधिक ट्रक हैं। बीबीएन के हजारों परिवारों का चूल्हा ट्रक यूनियन से चलता है। आज तक ट्रक यूनियन के चुनाव सर्वसम्मति से होते आए हैं। इससे जुड़े सभी लोग राजनीति से ऊपर उठकर यूनियन को चलाने में अपना योगदान देते रहे हैं, लेकिन पिछले वर्ष सोसायटी के चुनाव वोटिंग के माध्यम से करवाने पड़े। तब से ही यूनियन में राजनीति हावी होने लगी। हालांकि उन्होंने त्याग पत्र का कारण सेहत ठीक न रहने का कारण बताया है लेकिन बीबीएन में इस बात की चर्चा हो रही है कि राजनीतिक दबाव के चलते उन्हें यह कदम उठाया है। विद्यारत्न चौधरी ने बताया कि वह पिछले काफी समय से डिप्रैशन में हैं। डाॅक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। इस कारण उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र दिया है।