एपीजे अब्दुल कलाम जयंती आज, जानें ‘मिसाइल मैन’ के प्रेरणादायक विचार

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आवाज़ ए हिमाचल

नई दिल्ली। आज भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। भारत रत्न अब्दुल कलाम की जयंती पर उनके सम्मान में 15 अक्टूबर को ही विश्व छात्र दिवस ( World Students Day ) भी मनाया जाता है। यह दिन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।

साइंस और टेक्नोलॉजी में उत्कृष्ट योगदान के अलावा कलाम ने छात्रों के लिए काफी कुछ किया था। 15 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 15 अक्तूबर को एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के रूप में मानने की घोषणा की। डॉ. कलाम का पूरा जीवन इस बात का प्रतीक है कि यदि ठान लिया जाए तो कोई भी राह कठिन नहीं होती और कोई भी लक्ष्य अभेद्य नहीं होता। कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाईयों पर ले गए। उन्होनें रक्षा के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दिया है इसीलिए आज पूरा देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता है

15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे डॉ. कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वे वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इस दौरान वे जनता के राष्ट्रपति के रूप में खासे लोकप्रिय हुए। अब्दुल कलाम ने एक मछुआरे के घर में जन्म लिया। अखबार बेचकर पढ़ाई करने वाले कलाम दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक बने।

 पढ़िए कलाम साहब के कुछ प्रेरणादायक विचार-

  1. यदि हम स्वतंत्र नहीं तो कोई हमारा आदर नहीं करेगा।
  2. आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें, ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
  3. आकाश की तरफ देखिए हम अकेले नहीं हैं, सारा ब्रह्मांड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।
  4. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी है।
  5.  सपने वो नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।
  6. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
  7. शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा।
  8. कृत्रिम सुख की बजाए ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।
  9. भगवान ने हमारे मस्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
  10. मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चाजें नहीं बदल सकता।

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