आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
17 अप्रैल।राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ खंड सदर के चुनाव नतीजे कई मायनों में ऐतिहासिक व निर्णायक साबित हुए। घुमारवीं के दो शिक्षा खंडो के चुनावों के पश्चात् सभी की नजरें सदर खंड के चुनावी नतीजों पर गढ़ी थी,क्योंकि इस खंड के चुनावी नतीजे इस बात को साबित कर देते कि बिलासपुर पीटीएफ की कमान इस बार कौन संभालेगा। यह चुनाव नतीजे ज़िला व प्रदेश के चुनावों की दिशा तय करने में अहम् कड़ी साबित हुए। बसंत ठाकुर ने अपने चुनावी कौशल व शिक्षक हितों पर अपनी पकड़ से चुनावी बिसात में अपने विरोधियों को करारी शिकस्त दी।
गोरतलब है कि इस बार के पीटीएफ चुनावों में रमेश शर्मा की अगुवाई वाले गुट ने शुरूआती पकड़ मजबूत करते हुए घुमारवीं – 1 तथा घुमारवीं -2 खंड में निर्विरोध कब्ज़ा जमा लिया था। इससे उनके विरोधी किसी भी सूरत में उनके विजयी रथ को रोकना चाहते थे तथा खंड सदर के अध्यक्ष से भी अपनी पिछली दो शिकस्त का हिसाब बराबर करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने सदर खंड के चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्होंने इस खंड में अपनी रणनीति को बदलते हुए कर्मचारियों के वर्तमान मे ज्वलंत मुद्दे ओल्ड पेंशन का सहारा लेना चाहा तथा इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने के लिए एनपीएसए बिलासपुर जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार को मुकाबले में उतारा, लेकिन शिक्षकों ने उनके इस चुनावी दांव को नकारते हुए बसंत ठाकुर के पक्ष में एकतरफा समर्थन व्यक्त किया।
जिससे एनपीएसए बिलासपुर के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार को करारी शर्मनाक शिकस्त झेलनी पड़ी। वहीँ बसंत ठाकुर सदर खंड पीटीएफ चुनावों में भारी मतो के अंतर से अपनी विजयी हैट्रिक लगाने में सफल रहे । इस खंड के एकतरफा नतीजों ने पीटीएफ बिलासपुर की सरदारी की तस्वीर भी पूर्ण रूप से स्पष्ट कर दी जिसमें रमेश शर्मा की अगुवाई वाले गुट का पीटीएफ बिलासपुर पर काबिज होना लगभग तय हो गया।