आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। पहाड़ पर बने नेशनल हाईवे को अब सुरंग और क्रैश बैरियर से संभाला जाएगा। क्रैश बैरियर में पहली बार बांस का इस्तेमाल करने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार हादसों को रोकने के मद्देनजर इस कदम को उठाएगी और खास बात यह है कि नेशनल हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर के तौर पर लगने वाले बांस किसानों से खरीदे जाएंगे। महाराष्ट्र में बांस से बने क्रैश बैरियर का सफल परीक्षण हो चुका है। यहां वनी-वरोरा हाईवे पर करीब 200 मीटर के दायरे में बांस के क्रैश बैरियर स्थापित किए गए हैं। हिमाचल में बरसात से हुए नुकसान का जायजा करके लौटे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अब इन क्रैश बैरियर को प्रदेश में भी स्थापित करने की बात कही है। नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दिए अपने संबोधन में यह बात कही है। नितिन गडकरी जम्मू-कश्मीर के सांसद गुलाम अली के सवाल का जवाब दे रहे थे। सांसद गुलाम अली ने उनसे जम्मू-कश्मीर में खिता चनाब में क्रैश बैरियर को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि वह हाल ही में हिमाचल प्रदेश का दौरा करके लौटे हैं। हिमाचल में मनाली में अटल टनल का निर्माण किया गया है और अब रोहतांग जाने में महज आठ मिनट लगते हैं, जबकि पहले यह सफर साढ़े तीन घंटे का था।
केंद्र सरकार यहां पांच और टनल बनाएगी। यह टनल नेशनल हाईवे पर लेह-लद्दाख तक स्थापित होंगी। पहाड़ी क्षेत्रों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर समेत अन्य प्रदेशों में कंकरीट और प्लास्टिक के गोल लगाए जाएंगे। इससे हादसे का शिकार होने वाले वाहनों को ज्यादा क्षति होने से बचाया जा सकेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार बांस के क्रैश बैरियर भी स्थापित करेगी। शुरुआत में आसाम से बांस की खरीद होगी और धीरे-धीरे पूरे देश में ऐसे क्रैश बैरियर स्थापित किए जाएंगे।