आवाज़ ए हिमाचल
गोपाल दत्त शर्मा,राजगढ़
21 नवंबर।राजगढ विकास खंड के देवठी मंझगांव में लगने वाला ऐतिहासिक धार्मिक एवं पांरपरिक जिला स्तरीय दौ एकादशी मेला संपन्न हो गया। मेले का समापन एसडीएम राजगढ सुरेंद्र मोहन ने किया।यह जानकारी देते हुये मेला समिति के सदस्य रमेश सरेक ने बताया कि एकादशी पर्व पर मेले का शुभारंभ रूद्र देवता की पांरपरिक पूजा से हुआ । इस दौरान रूद्र देवता प्रमुख मंदिर से निकलकर सात दिनों तक एक अन्य मंदिर, जिसे मौड़ कहते हैं, में लोगों के दर्शनार्थ मौजूद रहेगें।
सरेक ने बताया कि मेले का विशेष आयोजन दो दिनों तक रहता है बाकि दिनों देव पंरपराओं का निर्वहन किया जाता है।
क्षेत्र के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेले एवं त्योहार हमारी प्राचीन संस्कृति के परिचायक हैं, जिनके माध्यम से हमें आपस में मिलने-जुलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों से मिली इस प्राचीन पारम्परिक धरोहर को संजोए रखना है। ये मेले व त्योहार हमें एकता के सूत्र में बांधते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का एक ही भाव है कि हम सभी इस देश के मूल निवासी हैं। हमारे आचार-विचार, रहन-सहन व भाषा में विविधता हो सकती है, लेकिन हमारी संस्कृति हमें एक होने का संदेश देती है। मेले मे सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया जिसमे लगभग आधा दर्जन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
मेले के समापन पर देवता अपने पुराने मंदिर के लिए विदा हो जाते है । मेला के दौरान सामूहिक नृत्य करने के अतिरिक्त रात्रि को करियाला अथवा ड्रामा का आयोजन किया गया।