आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में दाखिलों की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को डिनोटिफाई करने का दौर चल रहा है। इसी बीच प्रदेश के जिला कांगड़ा का एक सरकारी स्कूल परौर ऐसा है, जहां बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जीरो से पांच-10 संख्या तक मुश्किल से पहुंच रहे राज्य के प्राइमरी स्कूलों में से परौर में प्री-नर्सरी के दाखिले ही 93 हो गए हैं, जो कि अब एक सौ पहुंचने वाले हैं। ऐसे में राज्य भर के सरकारी स्कूलों के लिए परौर प्राथमिक पाठशाला एक मॉडल के रूप में उभरी है। शिक्षा विभाग भी परौर स्कूल की स्टडी कर अब उसके तहत प्रदेश भर में मॉडल के रूप में व इंग्लिश मीडियम शुरू किए जाने को लेकर मंथन कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित राजकीय केंद्र प्राथमिक स्कूल परौर, जो धीरा शिक्षा खंड के तहत आता है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की तरह इस सरकारी स्कूल के बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई कर रहे हैं। यहां पहली से पांचवीं तक 161 बच्चे पढ़ते हैं।
इस दौरान जिला कांगड़ा के निरीक्षण विंग की ओर से निरीक्षण भी किया गया है, जिसमें उन्होंने शिक्षकों की लगन, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के साथ जो कार्य पाठशाला में नियमित निरीक्षण के समय अवलोकित किए गए हैं, उसके माध्यम से निरीक्षण विंग के उपनिदेशक की ओर से भी उत्कृष्ट विद्यालय में राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला परौर को शामिल किया गया है। निरीक्षण विंग की ओर से टीम के स्कूल पहुंचने पर बच्चों का स्टाफ द्वारा स्वागत करना, पाठशाला में प्रयाप्त नामांकित बच्चों की संख्या, प्रार्थना सभा में अनुशासन, बच्चों में सफाई, प्रार्थना सभा में बच्चों की ओर से बाध्य यंत्रों का उपयोग, नर्सरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों की ओर से प्रश्नों का उत्तर देना, भवन की सुंदरता, रसोईघर की सफाई, कक्षा-कक्ष, पाठशाला की सफाई, बच्चों की साफ-सुथरी वर्दी, बच्चों व अध्यापकों में मैत्री पूर्ण व्यवहार, एक सकारात्मक अधिगम का वातावरण, पाठशाला में इंग्लिश-हिंदी माध्यम जैसे कार्यों द्वारा बच्चों की शिक्षा को मनोरंजक, गुणात्मक व आसान बनाने हेतु स्कूल स्टाफ की ऐसी समर्पण भावना पाई गई। वहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को इस स्कूल के शिक्षकों से सीखना चाहिए कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करके उन्हें एक जागरूक, सफल व अच्छा व्यक्ति बनाने में अपना रोल निभाएं।